भारत के सैन्य इतिहास में अनेक ऐसे सैन्य अभियान हुए हैं जिन्होंने न केवल देश की सीमाओं की रक्षा की, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक कौशल को भी उजागर किया। ऐसा ही एक अभियान था – “ऑपरेशन सिंदूर”। यह ऑपरेशन भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा एक विशेष मिशन के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों के ठिकानों को खत्म करना और देश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना था।
इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान और विवाह की पवित्रता के प्रतीक से लिया गया है, जो इस मिशन को एक भावनात्मक और राष्ट्रीय गौरव से जोड़ता है। यह नाम दर्शाता है कि यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्र की अस्मिता और उसके नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना, वायुसेना और विशेष बलों ने मिलकर दुर्गम इलाकों में स्थित आतंकवादी अड्डों पर सटीक और योजनाबद्ध हमला किया। इस ऑपरेशन की विशेषता थी इसकी गुप्तता, गति और निर्णयात्मक कार्यवाही। सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों को सुरक्षित निकालकर सेना ने यह दिखा दिया कि भारतीय फौज न केवल लड़ने में सक्षम है, बल्कि अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है।
इस अभियान में कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जो हमें यह याद दिलाता है कि देश की रक्षा में हमारे सैनिक हर पल तैयार रहते हैं, चाहे कीमत कुछ भी हो। उनकी वीरता, बलिदान और समर्पण को राष्ट्र हमेशा नमन करता रहेगा।
निष्कर्षतः, ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक कौशल और वीरता का प्रतीक है। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा और यह याद दिलाता रहेगा कि जब बात भारत की अस्मिता की हो, तो कोई भी बलिदान बड़ा नहीं होता।
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