🌐टैरिफ पर अमेरिका से तकरार: भारत की रणनीति क्या है ? – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

🔥 अमेरिका-चीन टैरिफ समझौता: एक नजर

दुनिया के सबसे बड़े आयातक (अमेरिका) और सबसे बड़े निर्यातक (चीन) के बीच 90 दिनों के लिए टैरिफ में कटौती पर सहमति बनी है।

  • अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर आयात शुल्क को 145% से घटाकर 30% कर दिया है।
  • भारत ने भी टैरिफ को 125% से घटाकर 10% करने का निर्णय लिया है।

🌍 टैरिफ का ग्लोबल भूकंप: क्या यह अस्थायी राहत है?

डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के अनुसार यह एक ‘ब्रेक’ है, लेकिन क्या यह स्थायी रहेगा?
ग्लोबल टैरिफ औसत की बात करें तो अमेरिका का औसतन आयात शुल्क केवल 2.6% है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव कितने समय तक चलता है।

📈 व्यापार में आसानी और इसका असर भारत पर

  • 1947 में वैश्विक व्यापार 60 बिलियन डॉलर था, जो 2023 में बढ़कर 25 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
  • वहीं वैश्विक GDP केवल 26 गुना बढ़ी है, जो दिखाता है कि व्यापार का हिस्सा GDP में तेज़ी से बढ़ा है।

यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन और नीतियों की कुशलता का परिचायक है।

⚔️ ट्रेड वॉर या अमेरिका की दोहरी नीति

टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रही रस्साकशी कोई नई बात नहीं है।

  • चीन और जापान जैसे देश अमेरिकी बॉन्ड खरीदते हैं, फिर भी अमेरिका अपनी टैरिफ नीतियों में बदलाव करता रहता है।
  • 90 दिनों के लिए टैरिफ कटौती की घोषणा एक रणनीतिक चाल भी हो सकती है।
अमेरिका और चीन के बीच हुआ व्यापार समझौता

🇮🇳 भारत की रणनीति: संतुलन और संप्रभुता

भारत को अमेरिका के साथ गहरे रिश्ते बनाने हैं, लेकिन उसे एकतरफा समझौते से बचना चाहिए

  • भारत को अपने राष्ट्रीय हितों, स्थानीय उद्योगों, और निर्यातकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

🧠 निष्कर्ष: समझदारी ही है असली रणनीति

टैरिफ विवादों के इस दौर में भारत को संतुलित और दूरदर्शी नीति अपनानी होगी।

  • राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए
  • वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।

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