भारत ने अपनी वायुसेना को आधुनिक और सक्षम बनाने के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रक्षा मंत्री ने देश के सबसे उन्नत स्टील्थ लड़ाकू विमान के विकास के लिए एक फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है। यह निर्णय पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए सैन्य टकराव के बाद आया है, जिसने दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों को और अधिक जटिल बना दिया है। इस कदम के तहत भारत 5वीं पीढ़ी का ट्विन-इंजन वाला स्टील्थ फाइटर जेट विकसित करेगा, जो उसकी वायुशक्ति को काफी मजबूत करेगा।
5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर का महत्व
भारतीय वायुसेना की वर्तमान स्थिति इस प्रोजेक्ट की आवश्यकता को स्पष्ट करती है। आज भारतीय वायुसेना के मुख्य रूप से रूसी और पूर्व सोवियत देशों से प्राप्त विमान हैं, जिनकी संख्या स्वीकृत 42 स्क्वाड्रनों से घटकर केवल 31 रह गई है। जबकि चीन अपनी वायुसेना का तेजी से विस्तार कर रहा है, और पाकिस्तान के पास चीन के J-10 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान मौजूद हैं। ऐसे में AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया जाने वाला यह नया विमान अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक, बेहतर एवियोनिक्स, हथियार प्रणाली और रडार में छिपने की क्षमता से लैस होगा, जिससे भारत की वायुसेना को मजबूती मिलेगी।
क्षेत्रीय तनाव और हथियारों की दौड़
मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों का सैन्य संघर्ष हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने लड़ाकू विमान, मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने का व्यापक उपयोग किया। यह पहली बार था जब दोनों देशों ने बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिससे ड्रोन आधारित हथियारों की दौड़ तेज हो गई है। इस सैन्य गतिरोध ने भारत को अपनी वायुसेना की क्षमता को और आधुनिक बनाने की प्रेरणा दी है। AMCA प्रोजेक्ट इसी रणनीति का हिस्सा है, जो भविष्य के युद्ध में भारत को एक तकनीकी और सामरिक बढ़त देगा।

निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी
यह प्रोग्राम भारतीय एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के तहत कार्यान्वित होगा, जो देश के प्रमुख विमान विकास संस्थान है। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस प्रोजेक्ट के लिए निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। कंपनियां अकेले या संयुक्त उपक्रम के रूप में इस परियोजना में भाग ले सकती हैं। मार्च 2025 में बनी रक्षा समिति ने भी निजी क्षेत्र को रक्षा उत्पादन में शामिल करने की सिफारिश की थी ताकि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर दबाव कम हो और उत्पादन की गति बढ़े। HAL भारतीय सैन्य विमान उत्पादन की रीढ़ है, लेकिन तेजस विमान की डिलीवरी में आई देरी ने उनकी आलोचना को बढ़ावा दिया।

HAL की चुनौतियां और सुधार की संभावनाएं
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने HAL की धीमी डिलीवरी पर चिंता जताई है। HAL ने यह समस्या अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक से इंजन की आपूर्ति में आई बाधाओं के कारण बताई है। निजी क्षेत्र की भागीदारी से न केवल उत्पादन में तेजी आएगी, बल्कि तकनीकी नवाचार और दक्षता भी बढ़ेगी। इससे भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा और विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम होगी।
AMCA प्रोजेक्ट का भविष्य
AMCA प्रोजेक्ट भारत की रक्षा तकनीक को अगले स्तर पर ले जाने का प्रयास है। यह विमान न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि देश के रक्षा उद्योग को भी आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। इसके जरिए भारत वैश्विक स्तर पर खुद को एक तकनीकी नेता के रूप में स्थापित कर सकता है। AMCA में एडवांस्ड स्टील्थ फीचर्स होंगे, जो दुश्मनों के रडार को चकमा देने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, यह विमान बेहतर हथियार प्रणाली, संचार तकनीक और हाई परफॉर्मेंस इंजन से लैस होगा।
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