दिल्ली सरकार ने स्थानीय निकायों को विकास कार्यों के लिए बड़ी राशि जारी की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) को ₹820 करोड़ रुपये की पहली किस्त सौंपी। इसके अलावा एनडीएमसी को ₹8 करोड़ और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड को ₹5.5 करोड़ रुपये मिले हैं।
इस राशि का उद्देश्य राजधानी दिल्ली में बुनियादी सुविधाओं का सुधार, स्वच्छता और अन्य शहरी विकास कार्यों को गति देना है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले को “विकसित दिल्ली की दिशा में बड़ा कदम” बताया।
कौन-कौन से निकायों को कितनी राशि मिली?
दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने बेसिक टैक्स असाइनमेंट (BTA) के तहत स्थानीय निकायों को यह राशि दी है। राशि का ब्योरा इस प्रकार है:
- दिल्ली नगर निगम (MCD): ₹820 करोड़ (पहली किस्त)
- NDMC: ₹8 करोड़
- दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड: ₹5.5 करोड़
- दिल्ली जल बोर्ड: ₹146 करोड़ (सब्सिडी के रूप में)
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार निकायों को उनका “वाजिब हक” समय पर दे रही है। पिछली सरकार की तुलना में अब देरी या आधी-अधूरी राशि नहीं दी जाएगी।

वित्त वर्ष 2025–26 की फंडिंग योजना
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि 2025-26 में MCD को कुल ₹3282.26 करोड़ दिए जाएंगे। अन्य निकायों के लिए अनुमानित बजट इस प्रकार है:
- NDMC को ₹32.36 करोड़
- दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड को ₹22.19 करोड़
- 2024–25 के संशोधित बजट के तहत MCD को ₹322.36 करोड़
इस राशि से राजधानी की सड़कों, सफाई, स्ट्रीट लाइट्स और अन्य नागरिक सेवाओं में सुधार संभव होगा।
शालीमार बाग विधानसभा के स्कूलों में सुधार
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों की हालत पर चिंता जताई है। उन्होंने PWD को सभी सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है।
उन्होंने शिक्षा मंत्री आतिशी को निर्देश दिया कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर इमारतें और समुचित वातावरण मिले। इससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बच्चों के विकास में सहूलियत मिलेगी।
राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था: सांस्कृतिक परंपरा
गर्मियों के मौसम को देखते हुए सीएम ने सार्वजनिक स्थलों पर मुफ्त पेयजल की व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताया।
शालीमार बाग दौरे के दौरान उन्होंने कहा:
“राहगीरों को पानी पिलाना हमारी सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है।”
इसी भावना के तहत दिल्ली जल बोर्ड को ₹146 करोड़ की सब्सिडी दी गई है ताकि हर नागरिक को मुफ्त व स्वच्छ पेयजल मिल सके।
सीएम आवास और निजी खर्च पर विपक्ष के सवाल
दिल्ली सरकार द्वारा जहां विकास, शिक्षा और जल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं विपक्ष बार-बार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास को मुद्दा बना रहा है।
हालांकि सरकार का कहना है कि यह आवास मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय के रूप में भी कार्य करेगा और इसमें कोई अनियमितता नहीं है।
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