मुंबई में सोमवार सुबह दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। ठाणे जिले के दिवा और कोपर रेलवे स्टेशनों के बीच एक चलती लोकल ट्रेन से गिरकर 4 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब कसारा जाने वाली लोकल ट्रेन में पीक ऑवर्स के दौरान भारी भीड़ थी।
हादसा कैसे हुआ?
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन जब स्पीड में थी, तभी दरवाजों पर लटके कम से कम 10 यात्री गिर पड़े। रेलवे अधिकारी ने बताया कि ट्रेन में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग फुटबोर्ड पर लटककर सफर कर रहे थे।
खास बात ये रही कि सामने से आ रही एक अन्य ट्रेन के गार्ड ने यात्रियों को गिरते हुए देखा और तुरंत रेलवे अधिकारियों को अलर्ट किया। हादसे के बाद सभी घायलों को कलवा के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने 4 लोगों को मृत घोषित कर दिया। सभी मृतक 30 से 35 वर्ष की उम्र के थे।

रेलवे की सफाई
सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल धनराज निला ने कहा, “यह कोई टकराव नहीं था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो विपरीत दिशा में जा रही ट्रेनों के फुटबोर्ड पर लटक रहे यात्रियों के आपस में उलझने की वजह से यह हादसा हुआ। यह भी एक संभावित कारण बताया गया है, जिसे यात्रियों ने सूचित किया है।”
राजनीतिक बयान और जांच की मांग
इस घटना के बाद राजनीतिक बयान भी सामने आने लगे हैं। शिवसेना सांसद नरेश माहस्के ने जांच की मांग करते हुए कहा, “यह भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन में हुआ हादसा है या फिर किसी धक्का-मुक्की या झगड़े के कारण हुआ है, इसकी जांच जरूरी है।”
वहीं, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास डानवे ने एक्स (ट्विटर) पर घटना को “दिल तोड़ने वाला और गंभीर” बताते हुए मुंबई की रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हर दिन लाखों लोग मुंबई लोकल में सफर करते हैं, लेकिन भीड़ और सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाने की जरूरत है।”
मुंबई लोकल में भीड़भाड़ बनी बड़ी चुनौती
मुंबई लोकल ट्रेनें देशभर में ‘लाइफलाइन ऑफ मुंबई’ के नाम से जानी जाती हैं। लेकिन हर साल भारी भीड़ के कारण ऐसे कई हादसे सामने आते रहते हैं। खासकर पीक ऑवर्स में रेलवे प्रशासन पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर नए कदम उठाने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
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