✈️ परिचय
हाल ही में भारत सरकार ने एक बड़ा और अहम फैसला लेते हुए तुर्की की एक प्रमुख कंपनी का एयरपोर्ट संचालन से संबंधित लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
इस फैसले के पीछे तुर्की की कंपनी “सेलेबी” (Celebi) द्वारा भारत में किए जा रहे कार्यों पर उठे सवाल और विरोध प्रदर्शन मुख्य कारण बने।
🏢 तुर्की की कंपनी “Celebi” का परिचय
सेलेबी तुर्की की एक प्रतिष्ठित कंपनी है जो भारत में एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग, टर्मिनल संचालन और संबंधित सेवाएं प्रदान कर रही थी। इस कंपनी को भारत सरकार से संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त था।
❌ लाइसेंस रद्द करने के कारण
सरकार द्वारा यह कदम मुख्यतः राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार:

- कंपनी की कुछ गतिविधियाँ सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं थीं।
- नियमों और मानकों का पालन सही तरीके से नहीं किया गया।
- इन खामियों को भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा गया।
🏛️ सरकारी कदम
सरकार ने तुरंत प्रभाव से इस कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया और अन्य एयरपोर्ट सेवा प्रदाताओं को भी सतर्क किया गया।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- BCAS (Bureau of Civil Aviation Security) ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है।
- सेलेबी से जुड़ी सेवाओं को बंद करने के लिए सरकार को निर्देश दिए गए हैं।
- सरकार ने साफ किया है कि भविष्य में किसी भी कंपनी को अनुमति नहीं दी जाएगी यदि वह सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करती है।
📍 किन हवाई अड्डों पर पड़ा असर?
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय दिल्ली, मुंबई सहित भारत के 9 प्रमुख हवाई अड्डों पर लागू किया गया है जहाँ सेलेबी अपनी सेवाएँ दे रही थी।
🪧 टर्की के खिलाफ भारत में प्रदर्शन
भारत में कई संगठनों और नागरिकों ने टर्की की कंपनियों और सेवाओं के खिलाफ प्रदर्शन किए।
प्रदर्शनकारियों के मुख्य नारे:
- “BOYCOTT TURKEY”
- “BAN TURKISH DRONES”
प्रदर्शनकारियों का मानना है कि टर्की की कंपनियाँ भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
👥 जनता और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
- सुरक्षा एजेंसियाँ सरकार के इस कदम का समर्थन कर रही हैं।
- आम जनता ने भी इस निर्णय की सराहना की है।
- यह फैसला भारत के स्वाभिमान और सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
✅ निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा तुर्की की कंपनी का लाइसेंस रद्द करना एक साहसी और दूरदर्शी कदम है, जो देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है। इससे स्पष्ट संदेश गया है कि कोई भी विदेशी कंपनी अगर भारतीय कानूनों और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।