भारत में जड़ी-बूटियों और मसालों का इतिहास
1. भारत: “Spice Bowl of the World”
भारत को सदियों से “Spice Bowl of the World” कहा जाता है। हमारे देश ने प्राचीन काल से ही विश्व को काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, इलायची, सौंठ, लौंग जैसे मसाले निर्यात किए हैं।
- 3000 ईसा पूर्व से सिंधु घाटी सभ्यता में जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग घरेलू, औषधीय और धार्मिक प्रयोजनों के लिए होता रहा है।
- आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा पद्धति में भी जड़ी-बूटियों और मसालों की विशिष्ट भूमिका है।
2. व्यापार और इतिहास

- रोमन, अरब और चीनी व्यापारी मसालों के व्यापार के लिए भारत आते थे।
- केरल, कर्नाटक, और तमिलनाडु के समुद्र तटीय क्षेत्र प्राचीन समय से ही मसाला व्यापार का केंद्र रहे हैं।
- वास्को–दा–गामा 1498 में भारत इसलिए आया था क्योंकि यूरोप मसालों के लिए भारत को खोज रहा था।
3. भारतीय मसालों की विविधता
भारत में करीब 75 से अधिक मसालों का उत्पादन होता है। इनमें प्रमुख हैं:
मसाला | उपयोग | स्थान |
हल्दी | सूजन और रोग प्रतिरोधक | महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश |
दालचीनी | स्वाद और पाचन | केरल |
इलायची | मिठास और पाचन | केरल, सिक्किम |
काली मिर्च | तीखापन और संक्रमण-रोधी | केरल, कर्नाटक |
सौंफ | ठंडक और पाचन | उत्तर भारत |
अजवाइन | अपच और गैस | राजस्थान, मध्य प्रदेश |
4. औषधीय उपयोग
भारत में मसालों का उपयोग केवल भोजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वे आयुर्वेद, योगिक आहार, और घरेलू उपचारों में भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:
- हल्दी दूध – रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए
- अदरक–तुलसी का काढ़ा – जुकाम/बुखार के लिए
- सौंठ, दालचीनी, लौंग का मिश्रण – पाचन और ऊर्जा के लिए
5. मसालों की खेती में भारत की स्थिति
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है।
- Spices Board of India इसकी निगरानी करता है।
- केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और पश्चिम बंगाल प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
6. भारत के प्रमुख मसाला बाज़ार
- कोच्चि और कोझीकोड (केरल) – मसालों का ऐतिहासिक निर्यात केंद्र
- गुंटूर (आंध्र प्रदेश) – मिर्ची बाज़ार
- रामपुर, यूपी और दिल्ली – सूखे मसालों की थोक मंडी
भारत में Herbs (जड़ी-बूटियों) की परंपरा
जड़ी–बूटी | प्रमुख उपयोग | पद्धति |
तुलसी | संक्रमण, पूजा, प्रतिरोधक | आयुर्वेद, घरेलू |
अश्वगंधा | तनाव और शक्ति | आयुर्वेद |
ब्राह्मी | स्मृति और एकाग्रता | आयुर्वेद |
नीम | त्वचा और रक्त शुद्धि | घरेलू चिकित्सा |
गिलोय | बुखार और रोग प्रतिरोध | कोरोना काल में प्रसिद्ध |
कैसे मनाएं: भारतीय तरीका
- घर में मसाला गार्डन बनाएं – तुलसी, पुदीना, धनिया, हल्दी उगाएं।
- पारंपरिक आयुर्वेदिक रेसिपी शेयर करें – काढ़ा, हल्दी-दूध, पंचफोरन।
- स्थानीय किसानों से खरीदें – देसी जैविक मसालों का उपयोग करें।
- #IndianHerbAndSpiceDay हैशटैग के साथ अपने मसाला व्यंजन या गार्डन शेयर करें।
राष्ट्रीय जड़ी–बूटियों और मसालों का दिन सिर्फ स्वाद का उत्सव नहीं, बल्कि यह भारत की विरासत, स्वास्थ्य, संस्कृति और आय के एक महत्वपूर्ण स्रोत का भी उत्सव है। इस दिन को मनाकर हम अपने खान-पान को स्वस्थ, स्थानीय और समृद्ध बना सकते हैं।
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