MP Farmers Alert! MSP Procurement of Moong and Urad Announced, Registration Begins June 19 – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब मूंग और उड़द की सरकारी खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। एनडीटीवी द्वारा लगातार यह मुद्दा उठाए जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। 19 जून 2025 से किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होगी।

राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है, ताकि खरीदी प्रक्रिया समय पर और व्यवस्थित रूप से पूरी हो सके।

किन जिलों के किसानों को मिलेगा सबसे ज़्यादा फायदा?

राज्य के हरदा, रायसेन, बैतूल, सीहोर और नरसिंहपुर जिलों के किसान मूंग-उड़द की सबसे अधिक खेती करते हैं। मंडियों में मूंग और उड़द की कीमतें मात्र ₹3000 प्रति क्विंटल तक गिर चुकी थीं, जबकि सरकारी MSP ₹8,682 प्रति क्विंटल (मूंग) और ₹6,950 प्रति क्विंटल (उड़द) है।

अब MSP पर खरीदी से किसानों को दोगुने से ज़्यादा दाम मिल सकेंगे।

क्यों थी किसानों की नाराजगी?

  • मंडियों में व्यापारी किसानों को MSP से काफी कम दाम दे रहे थे।
  • कई किसानों ने औने-पौने दाम पर फसल बेचने की मजबूरी जताई।
  • कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने लगातार सरकार पर दबाव डाला।
  • किसानों ने जिलों में विरोध प्रदर्शन भी किए।

कमलनाथ का हमला: सरकार को झुकना पड़ा

MP Moong-Udad Kharidi: सीएम का फैसला- मूंग और उड़द अब MSP पर खरीदी जाएगी, 19 से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा —

“आज सरकार को किसानों और विपक्ष के दबाव में झुकना पड़ा है। सरकार ने अंततः मूंग-उड़द खरीदी का फैसला कर लिया। लेकिन पूरी प्रक्रिया में मध्य प्रदेश के किसानों को ‘ज़हरीला मूंग’ जैसे बयान देकर बदनाम किया गया।”

MSP रेट्स 2025 (Official):

फसलन्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
मूंग₹8,682 प्रति क्विंटल
उड़द₹6,950 प्रति क्विंटल

कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

  1. किसान mpkisan.gov.in या ekharid.mp.gov.in पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।
  2. सम्बंधित तहसील कार्यालय या सहकारी समितियों से मदद ले सकते हैं।
  3. रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को पंजीयन रसीद दी जाएगी, जिसे मंडी में उपार्जन के समय दिखाना होगा।

आगे की चुनौतियां और किसानों की मांगें

  • मूंग-उड़द खरीदी समय से पूरी होनी चाहिए।
  • मंडियों में किसानों को लंबी लाइनों से बचाने के लिए टोकन सिस्टम लागू किया जाए।
  • सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि भुगतान प्रक्रिया में देरी न हो।

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