India Real Estate Investment 2025 की दूसरी तिमाही (Q2) में रियल एस्टेट सेक्टर ने जबरदस्त उछाल देखा है। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म Vestian की रिपोर्ट के मुताबिक, Q2 2025 में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में 1.80 बिलियन डॉलर का संस्थागत निवेश हुआ, जो पिछली तिमाही की तुलना में 122 प्रतिशत अधिक है। यह निवेश मुख्य रूप से अमेरिका, जापान और हांगकांग जैसे वैश्विक निवेशकों से आया है।
हालांकि यह निवेश तिमाही स्तर पर रिकॉर्ड तोड़ है, लेकिन सालाना तुलना में इसमें 42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट उस उच्चतम स्तर से है जो किसी भी तिमाही में अब तक दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही निवेश पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा, लेकिन यह उछाल यह दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा भारतीय रियल एस्टेट बाजार में फिर से लौट रहा है।
विदेशी निवेशकों का दबदबा, लेकिन हिस्सेदारी में गिरावट
Q2 2025 में विदेशी निवेशकों ने कुल निवेश का 66 प्रतिशत हिस्सा दिया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 71 प्रतिशत था। मूल्य के लिहाज से देखें तो विदेशी निवेश USD 2.21 बिलियन से घटकर USD 1.19 बिलियन रह गया, जो कि 46 प्रतिशत की गिरावट है। विदेशी निवेशकों में अमेरिका, जापान और हांगकांग का योगदान लगभग 89 प्रतिशत रहा। इन देशों का अधिकांश निवेश कमर्शियल प्रॉपर्टीज में हुआ, जबकि रेसिडेंशियल प्रॉपर्टीज में केवल 11 प्रतिशत निवेश हुआ और बाकी निवेश विविध संपत्तियों में गया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विदेशी निवेशकों ने डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की बजाय को-इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता दी है। को-इन्वेस्टमेंट की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि वैश्विक निवेशक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता के चलते जोखिम को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक निवेश रणनीति अपना रहे हैं।
CEO का बयान: निवेशकों का भरोसा लौटा
Vestian के CEO श्रीनिवास राव (FRICS) ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हालांकि वार्षिक रूप से निवेश में गिरावट देखी गई है, लेकिन तिमाही वृद्धि से यह साफ है कि निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और लगातार बनी हुई मांग इस विश्वास का आधार है। इसके अलावा, हाल ही में रेपो रेट में कटौती से ब्याज दरें कम हुई हैं, जिससे सेक्टर को सस्ते ऋण उपलब्ध हो सकेंगे और निवेश और क्रेडिट प्रवाह में सुधार आएगा।
घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी Q2 2025 में घटकर 19 प्रतिशत रह गई, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 21 प्रतिशत थी। मूल्य के आधार पर घरेलू निवेश USD 336 मिलियन रहा, जो सालाना 47 प्रतिशत और पिछली तिमाही की तुलना में 28 प्रतिशत कम है। रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट घरेलू निवेशकों के भीतर बाजार की अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार में अस्थिरता के कारण आई है।
अंत में कहा गया कि India Real Estate Investment 2025 में भारी विदेशी भागीदारी और निवेशकों के दृष्टिकोण में बदलाव यह दर्शाते हैं कि भले ही अनिश्चितता बनी हुई हो, लेकिन सेक्टर में फिर से निवेश का रुझान लौट रहा है। विशेष रूप से अगर आर्थिक वृद्धि 6% से ऊपर रहती है और क्रेडिट की स्थिति सुधरती है, तो आने वाले समय में रियल एस्टेट सेक्टर में और अधिक सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।