Gujarat Bridge Collapse की घटना ने एक बार फिर भारत में आधारभूत ढांचे की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुजरात के वडोदरा जिले में सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा हुआ, जब एक पुल का हिस्सा अचानक से टूट गया। हादसे के समय पुल पर चल रहे चार वाहन सीधे नदी में गिर गए, जिससे अब तक 3 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने की खबर है।
यह हादसा वडोदरा के वाघोड़ा क्षेत्र में हुआ, जहां एक अर्धनिर्मित या क्षतिग्रस्त पुल का उपयोग नियमित रूप से किया जा रहा था। हादसे के वक्त रात होने की वजह से दृश्यता कम थी और वाहन चालक पुल की खराब स्थिति को समय रहते नहीं पहचान पाए।
कैसे हुआ Gujarat Bridge Collapse का हादसा?
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, Gujarat Bridge Collapse की घटना रात करीब 9:30 बजे की है। यह पुल वडोदरा के वाघोड़ा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय नदी पर बना था। जैसे ही एक ट्रक पुल पर से गुज़रा, अचानक उसका एक हिस्सा टूट गया, जिससे ट्रक समेत अन्य तीन वाहन सीधे नदी में जा गिरे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुल पहले से ही जर्जर हालत में था और इलाके के लोगों ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के वक्त ट्रैफिक सामान्य था, लेकिन अचानक हुई टूट-फूट ने सभी को चौंका दिया।
तीन लोगों की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी
Gujarat Bridge Collapse में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें एक ट्रक चालक और दो कार सवार बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य रातभर चलता रहा। एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर नदी में गिरे वाहनों को निकालना शुरू किया।
अब तक दो वाहनों को बाहर निकाला जा चुका है जबकि अन्य की तलाश जारी है। घायलों को वडोदरा के सयाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही उजागर
Gujarat Bridge Collapse हादसा सिर्फ एक तकनीकी फेल्योर नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी उदाहरण है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस पुल की हालत काफी समय से खराब थी। उसके पिलर्स में दरारें थीं और रेलिंग कई जगह से गायब थी।

गांववालों ने कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब इस हादसे ने जनहानि के साथ-साथ विश्वास की नींव भी हिला दी है।
गुजरात में हाल के सालों में ऐसे हादसे
Gujarat Bridge Collapse कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले अक्टूबर 2022 में मोरबी में मच्छु नदी पर बना झूला पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। वह हादसा भी देखरेख और मेंटेनेंस की कमी का परिणाम था।
इस तरह की घटनाएं बार-बार यही दर्शाती हैं कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी और सुरक्षा जांच की ज़रूरत है। चाहे वह नए बने पुल हों या दशकों पुराने निर्माण, समय-समय पर तकनीकी ऑडिट अनिवार्य होना चाहिए।
राज्य सरकार का बयान
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने Gujarat Bridge Collapse पर शोक व्यक्त किया है और जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही पूरे राज्य में ऐसे पुलों की निगरानी और जांच शुरू कर दी गई है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा के सवाल
भारत जैसे विकासशील देश में पुलों और सड़कों का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन Gujarat Bridge Collapse जैसी घटनाएं बताती हैं कि निर्माण के साथ सुरक्षा और मेंटेनेंस को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
सरकारों को चाहिए कि निर्माण के समय केवल बजट पर नहीं, बल्कि मैटेरियल क्वालिटी, नियमित निरीक्षण और डेडिकेटेड मेंटेनेंस प्लान पर भी फोकस करें।
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