सरकार का बड़ा फैसला: राशन की डोर-टू-डोर आपूर्ति बंद
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एक अहम निर्णय लिया गया। अब राज्य में घर-घर जाकर राशन देने की व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है। इसके स्थान पर उचित मूल्य की दुकानों (Fair Price Shops) से राशन वितरण की पुरानी प्रणाली को फिर से लागू किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के शासनकाल में शुरू की गई एमडीयू (मोबाइल डिलीवरी यूनिट) योजना के माध्यम से राशन घर-घर पहुँचाया जाता था। लेकिन अब सरकार ने यह प्रणाली जून से बंद करने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक पुष्टि और कारण
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया,
“मंत्रिमंडल ने एमडीयू के माध्यम से राशन वितरण प्रणाली को बंद कर, उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से सीधे राशन वितरण की प्रणाली को बहाल करने को मंजूरी दी है।”
सरकार को मिली राशन कार्ड धारकों की प्रतिक्रियाओं से यह सामने आया कि करीब 25% लाभार्थियों को राशन नहीं मिल रहा था। इसके अलावा, कई एमडीयू संचालकों द्वारा अधिक मूल्य वसूली की शिकायतें भी मिली थीं।
इस बदलाव के पीछे की प्रमुख रणनीति
सरकार का यह कदम पारदर्शिता, जवाबदेही और पहुंच को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। आइए समझते हैं इसकी प्रमुख वजहें:
1. पारदर्शिता में वृद्धि
एमडीयू प्रणाली में भ्रष्टाचार और अनियमितता की कई शिकायतें सामने आई थीं। उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरण से इस पर अंकुश लगेगा।
2. लाभार्थियों तक सीधी पहुँच
अब राशन बिना किसी बिचौलिये के लाभार्थियों को सीधे उपलब्ध होगा, जिससे गड़बड़ियों की संभावना कम होगी।
3. स्थानीय रोजगार का सृजन
इन दुकानों के संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे आर्थिक स्थिति को भी बल मिलेगा।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
हालांकि सरकार ने इसे सुधारात्मक कदम बताया है, परंतु विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायडू पर आरोप लगाया कि:
- चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं।
- बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
- उनके कार्यकाल में घरेलू उपभोक्ताओं पर ₹15,485.36 करोड़ का अतिरिक्त बोझ डाला गया है।

लाभार्थियों के लिए क्या होगा बदलाव?
इस नई व्यवस्था से राशन कार्ड धारकों को कई लाभ होंगे:
- 🔹 समान वितरण: सभी को बराबर राशन मिलेगा, भेदभाव की संभावना घटेगी।
- 🔹 सीधा संपर्क: लाभार्थी सीधे उचित मूल्य की दुकानों से राशन ले सकेंगे।
- 🔹 सुविधाजनक पहुँच: ये दुकानें आमतौर पर निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित होती हैं, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।