बेंगलुरु स्टैम्पेड: RCB समेत तीन पर FIR दर्ज, 11 की मौत – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु एक दर्दनाक हादसे से सहम गई, जब बुधवार को निंसनांडीया रेलवे स्टेशन के पास मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 से ज्यादा घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब आईपीएल विजेता आरसीबी का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग स्टेशन और एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास जमा हुए थे।

एक पिता की चीख: ‘मेरी बेटी तड़पती रही’

शिवकुमार नामक एक पीड़ित पिता ने बताया कि उनकी 23 वर्षीय बेटी अक्षता भगदड़ में दब गई। उन्होंने बताया, “मेरी बेटी मेरे सामने तड़पती रही, किसी ने मदद नहीं की। एफआईआर दर्ज कराने के लिए हमें चार घंटे तक भटकना पड़ा।” यह बयान प्रशासन की संवेदनहीनता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

हादसे के पीछे क्या रही वजह?

सरकार ने दावा किया कि यह भीड़ एक स्थानीय धार्मिक समागम के चलते आई थी। आयोजन स्थल की क्षमता 30,000 थी, लेकिन ढाई लाख से ज्यादा लोग एकत्र हो गए थे। इस वजह से हालात बेकाबू हो गए। मौके पर न तो पर्याप्त पुलिस बल था और न ही इमरजेंसी मेडिकल सेवाएं

सरकार की सफाई और विपक्ष की मांगें

राज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई गई है जो 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, विपक्ष ने इस हादसे को सरकार की विफलता करार देते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।

बीजेपी नेता डीके शिवकुमार ने कहा, “यह समय राजनीति का नहीं, संवेदना का है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

आरसीबी और इवेंट फर्म पर FIR दर्ज

पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आरसीबी (Royal Challengers Bangalore) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले, और इवेंट फर्म DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के अधिकारी सुनील मैथ्यू और किरण कुमार को हिरासत में लिया है।

इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105, 115, 118, 125, 132, 142, 190 और 121 के तहत FIR दर्ज की गई है।

राहत की घोषणाएं, लेकिन समाधान नहीं

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये घोषणाएं उन परिवारों के दुख को कम कर सकती हैं?

अस्पतालों में अब भी कई लोगों की हालत गंभीर है। एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची, और मेडिकल स्टाफ भी नदारद था। चश्मदीदों के अनुसार, भीड़ में कई बच्चे और बुजुर्ग थे, जिनमें से कुछ अब भी लापता हैं।

क्यों जरूरी है व्यवस्था में बदलाव?

बेंगलुरु जैसे आधुनिक शहर में इस तरह की घटना होना, आपदा प्रबंधन प्रणाली की नाकामी दर्शाता है। जब तक भीड़ नियंत्रण, इमरजेंसी सेवाएं और जवाबदेही को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे

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