पाकिस्तान से बीएसएफ जवान की वापसी: एक भावुक पल और कूटनीतिक जीत – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

नई दिल्ली, 14 मई 2025
भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान की पाकिस्तान से सकुशल वापसी ने पूरे देश में राहत और गर्व की लहर दौड़ा दी है। बीएसएफ कांस्टेबल पूर्ण कुमार सोनी, जो 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में गश्त के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, उन्हें 14 मई को दोपहर 10:30 बजे वाघा-अटारी बॉर्डर पर भारत को सौंपा गया।

घटना की पृष्ठभूमि

पूर्ण कुमार सोनी पाकिस्तान की सीमा में गलती से चले गए थे। भारत और पाकिस्तान की पहरेदारी एजेंसियों के बीच लगातार वार्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव के कारण उनकी रिहाई संभव हो सकी। बीएसएफ ने तत्काल उच्च स्तर पर यह मुद्दा उठाया और पाकिस्तान को उनके सुरक्षित और सम्मानजनक लौटाने की अपील की थी।

इस दौरान अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने भी हस्तक्षेप किया। पाकिस्तान के रेंज हेडक्वार्टर में जांच के बाद, 13 मई को उन्हें पाकिस्तान पुलिस ने रिहा कर दिया, और एक दिन बाद भारत को सौंपा गया।

बीएसएफ जवान की वापसी पर भारत-पाकिस्तान के बीच मानवता की मिसाल

इस पूरी प्रक्रिया ने एक बार फिर साबित किया कि हालात कितने भी तनावपूर्ण क्यों न हों, मानवीय मूल्यों और संवाद की ताकत से रास्ता निकाला जा सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य अधिकारियों की मीटिंग के दौरान सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बना, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने संयम और समझदारी का परिचय दिया।

परिवार में खुशी की लहर

पूर्ण कुमार की वापसी पर उनके परिजनों और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। जैसे ही उनकी सुरक्षित वापसी की खबर आई, पूरा गांव उनके स्वागत की तैयारियों में जुट गया। उनकी मां की आंखों से आंसू छलक पड़े और पिता ने भगवान का धन्यवाद किया। गांववालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका भव्य स्वागत किया।

बीएसएफ का बयान

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“हमारी प्राथमिकता हमेशा जवानों की सुरक्षा और सम्मान रही है। कांस्टेबल पूर्ण कुमार की सुरक्षित वापसी हम सभी के लिए गर्व की बात है। हमने पूरी प्रक्रिया के दौरान हर संभव कूटनीतिक और प्रशासनिक प्रयास किए।”

निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक घटना

इस घटना ने साबित किया कि सीमाएं इंसानों को अलग कर सकती हैं, लेकिन मानवता उन्हें फिर से जोड़ सकती है। पूर्ण कुमार सोनी की सुरक्षित वापसी सिर्फ एक जवान की वापसी नहीं, बल्कि भारत की कूटनीतिक सफलता और मानवीय मूल्यों की जीत है।

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