Chhangur Baba: धर्मांतरण से 100 करोड़ का मालिक बना ठग, ATS-ED की बड़ी जांच – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

Chhangur Baba: अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में यूपी एटीएस टीम ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को को गिरफतार किया। अब तक इस मामले की जांच यूपी ATS और STF (स्पेशल टॉस्क फोर्स) कर रहा था, लेकिन अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी एंट्री हो गई है। छांगुर बाब को यूपी से गिरफ्तार किया गया था। जमालुद्दीन के खिलाफ अदालत ने गैर-जमानती वारंट भी जारी किया था, जबकि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50,000 रुपये का नकद इनाम की घोषणा की थी।

सडकों पर सामान बेचता था बाबा

यूपी का रहने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा एक ऐसा नाम है जो कुछ साल पहले तक सड़कों पर अंगूठी और नकली नग बेचता था। इसके बाद कथित तौर पर उसे विदेशी से फंडिंग मिलने लगी। जिसके बाद उसकी जिंदगी बदल गई। सिर्फ 5-6 सालों में ही वह आलीशान कोठी, लग्जरी गाड़ियां और कई फर्जी संस्थाओं का मालिक बन गया। मधपुर गांव की कोठी उसके नेटवर्क का मुख्य अड्डा था। जहां से उसका पूरा नेटवर्क चलता था। रिपोर्ट के मुताबिक गांव के लोगों ने बताया कि छांगुर बाबा के करीब दस प्रमुख करीबी इस कोठी में आते-जाते थे।

100 करोड़ की संपत्ति का क्या है राज

छांगुर बाबा यूपी के बलरामपुर के मधपुर गांव में चांद औलिया दरगाह के बगल में रहने वाला ये शख्स सिर्फ एक बाबा नहीं था, बल्कि एक पूरे नेटवर्क का सरगना था। इस मामले में कई नए खुलासे हुए हैं। एटीएस को छांगुर बाबा के खिलाफ पुख्ता सुराग मिले हैं कि उसने अवैध धर्मांतरण के जरिये 100 करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटाई है। जांच में यह भी पता चला है कि छांगुर बाबा और उसकी संस्थाओं से जुड़े खातों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ है। एटीएस ने आगे यह भी बताया की वो इस रकम का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और कई जगहों पर अवैध धर्मांतरण करने के लिए कर रहा था। अब एटीएस छांगुर बाबा के बारे में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर ईडी को देगा, ताकि उसके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिग एक्ट के तहत केस दर्ज कर मनी ट्रेल का पता लगाया जा सके।

कैसे फंसे लोग इस जाल में

छांगुर बाबा गैंग कोई आम गैंग नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश थी जिसके तहत सारा काम किया जा रहा था। इस साजिश को अंजाम देने के लिए गरीब, मजदूर, मजबूर लोगों को लालच देकर धर्म बदलने के लिए टारगेट किया गया और बात नहीं मानने पर पुलिस थाने व कोर्ट के जरिए उन पर फर्जी मुकदमे चला कर उन्हें प्रताड़ित भी किया गया।

जातियों के आधार पर तय थे रेट

इस मामले में सबसे ज़्यादा चौकाने वाला खुलासा यह हुआ की धर्म परिवर्तन कराने के लिए सभी जातियों का रेट तय था। इतना ही नहीं अलग-अलग जाति की लड़कियों को लाने के लिए लाखों के रेट तय किये गए थे। ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़कियों के इस्लाम अपनाने पर 15 से 16 लाख रुपये दिए जाते थे। पिछड़ी जाति की लड़की को पैसों का लालच देकर फंसाया जाता और बाद में इसके लिए उन्हें लिए 10 से 12 लाख रुपये और अन्य जाति की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपये तक दिए जाते थे।

14 सहयोगियों की तलाश में टीमें सक्रिय

छांगुर बाबा के नेटवर्क के 14 मुख्य सहयोगियों की तलाश में एटीएस और एसटीएफ की टीमें जुटी हैं। इनमें कथित पत्रकार से लेकर अन्य नामचीन चेहरे शामिल हैं। जिन नामों की तलाश है उनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, पैमैन रिजवी (कथित पत्रकार) और सगीर शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी से गिरोह के नेटवर्क के और गहरे राज सामने आ सकते हैं। गिरोह के कई सदस्य आजमगढ़, औरैया, सिद्धार्थनगर जैसे जिलों से हैं और इनके खिलाफ पहले से FIR दर्ज है।

कॉलेज खोलने कि थी तैयारी

जमालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा ने मधपुर में आलीशान कोठी बनाने के बाद, इसी कोठी के उसी परिसर में डिग्री कॉलेज खोलने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने कोठी का निर्माण भी शुरू कर दिया था। फिलहाल गिरफ्तारी के बाद उसकी ये योजनाएं अब ठप पड़ी हैं।

पीड़ितों की ‘घर वापसी’ और खुलासे

लखनऊ में गुरुवार (4 जुलाई) को 12 लोगों की ‘घर वापसी’ कराई गई। इन लोगों ने इस्लाम से हिंदू धर्म को वापस अपनाया। इनमें से कुछ को लव जिहाद में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराया गया, कुछ को डरा-धमका कर, तो कुछ को पैसो का लालच देकर। बीते दिन लखनऊ में हिंदू संगठन के द्वारा जिन लोगों ने इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाया उनमें मांडवी शर्मा, मालती, एलेना अंसारी और सोनू रानी भी शामिल हैं। इन लोगों ने मीडिया के सामने छांगुर बाबा का जिक्र किया और बताया कि कैसे वह लव जिहाद में फंसाकर धर्म परिवर्तित कराता था।

NIA और ED की संयुक्त कार्रवाई

लखनऊ पुलिस के आधिकारिक बयान में कहा गया कि, जमालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा और सह-आरोपी नीटू उर्फ ​​नसरीन और दो अन्य आरोपियों – नवीन उर्फ ​​जमालुद्दीन और महबूब (जो जलालुद्दीन का बेटा है) को 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। अभी दोनों फिलहाल लखनऊ जिला जेल में बंद हैं। इस मामले में छांगुर बाबा को रिमांड पर लेने के दौरान एनआईए के अधिकारी भी उससे पूछताछ करेंगे। दरअसल, छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सतर्क हो चुकी हैं और नेपाल सीमा पर चल रहे अवैध धर्मांतरण के इस रैकेट की जांच कर रही हैं। इस बार NIA के अधिकारी यूपी ATS के साथ मिल कर इस मामले पर काम कर रहे हैं।

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