कोविड JN.1 वेरिएंट: क्या बढ़ रहा है खतरा? – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

एशिया में कोरोना फिर से आ रहा है। भारत में कुछ केस मिले हैं, पर डॉक्टर कहते हैं कि घबराने की बात नहीं है। यह पुराना वेरिएंट है और स्थिति नियंत्रण में है।

नई दिल्ली: कोरोना एक बार फिर एशिया के कुछ हिस्सों में दस्तक दे रहा है। भारत में पिछले एक साल में सबसे अधिक 257 सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं, जिससे लोगों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि, AIIMS के एक्सपर्ट डॉ संजय रॉय का कहना है कि JN-1 एक साल पुराना वेरिएंट है, कोई नया वायरस नहीं है। न ही यह कोई नया स्ट्रेन है। पॉजिटिव केस इसलिए सामने आ रहे हैं क्योंकि टेस्ट किए जा रहे हैं। मौजूदा हालात में JN.1 को लेकर घबराने वाली बात नहीं है। अभी तक इसको लेकर साइंस यही कहता है कि यह कॉमन कोल्ड है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय का भी कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है।

एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के एक्सपर्ट और कोरोना वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख रहे डॉक्टर संजय रॉय ने बताया कि कोरोना फैमिली के हजार से भी ज्यादा वेरिएंट हैं। लेकिन, मुख्य रूप से सात ऐसे वायरस हैं जो इंसानों को प्रभावित करते हैं। 2002 तक कोरोना वायरस (CoV) इंसानों के लिए मामूली वायरस माना जाता था। लेकिन पिछले 20 से 25 सालों में इसके इफेक्ट को देखें तो कोरोना परिवार का 5वां वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) आया। इसके बाद इस परिवार का छठा वायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) आया। अब इसका 7वां वायरस कोविड-19 है। जहां तक वर्तमान हालात की बात है तो अब यह कॉमन कोल्ड है। इसके ज्यादा खतरनाक होने का कोई एविडेंस अभी नहीं है।

वैज्ञानिक समझ के आधार पर करनी होगी बात

डॉक्टर संजय ने कहा कि साइंस की बातें तो साइंस के आधार पर ही होनी चाहिए। वट्सऐप से जानकारी लेकर बातें नहीं करनी चाहिए। JN.1 वेरिएंट में नया कुछ नहीं है। एक साल पुराना है। इसको लेकर इतनी बातें करने के पीछे कोई साइंस तो नहीं दिख रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी का कमर्शियल इंट्रेस्ट हो तो यह अलग बात है, लेकिन यह भी बहुत दिनों तक नहीं चलता है। अमेरिका जैसे देश ने अपने यहां छह महीने तक के बच्चों का भी कोविड वैक्सीनेशन करा दिया, जबकि हमने साइंस की बात की। हमारी सरकार ने भी इसे तवज्जो दिया और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एक भी वैक्सीन नहीं लगी और वायरस का उनपर असर भी कुछ नहीं हुआ। हमें समझना होगा और वैज्ञानिक समझ के आधार पर ही बात करनी होगी।

सिक्वेंसिंग में पहले भी मिला था वेरिएंट JN.1

दिल्ली में कोरोना वायरस पर नजर रखने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की जाती थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अभी यह बंद है। हालांकि सिक्वेंसिंग से जुड़े एक एक्सपर्ट ने दावा किया कि यह नया वेरिएंट JN.1 तो पहले से है, हमारे सिक्वेंसिंग में पहले भी मिला था। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि यह वेरिएंट हमारे लिए कुछ ज्यादा प्रभावी होगा। वहीं, एक अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि अभी कोविड पॉजिटिव भी सामने नहीं आ रहे हैं, इसलिए सिक्वेंसिंग भी नहीं हो रही है। जब नए मामले आएंगे तभी सिक्वेंसिंग की जा सकती है। इस बारे में सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के एक्सपर्ट डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि सर्विलांस जरूरी है, वायरस के बिहेवियर पर नजर रखनी चाहिए और इसके इफेक्ट को लेकर अलर्ट रहना चाहिए।

दिल्ली में पिछले सात दिनों में 3 कोविड पॉजिटिव

केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार कुल 257 मामले आए हैं, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक हैं। इनमें से 12 मई के बाद 164 केस की पुष्टि हुई है। दिल्ली में अभी 5 मामले एक्टिव बता रहे हैं, लेकिन इनमें से 3 मामले 12 मई के बाद आए हैं। सबसे अधिक मामले केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR की समीक्षा में कहा गया है कि अधिकांश मामले हल्के हैं। अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। फिलहाल कोई पैनिक की स्थिति नहीं है, लेकिन निगरानी बढ़ा दी गई है।

क्या है JN.1 वेरिएंट?

  • JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 फैमिली का एक नया वैरिएंट है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार पहचाना गया था।
  • इसमें करीब 30 बदलाव (म्यूटेशन) हो चुके हैं, जो इसे शरीर की इम्युनिटी से बचाने में मदद करते हैं।
  • विदेशी वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके स्पाइक प्रोटीन में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जो इसे पहले से अधिक संक्रामक बनाता है।
  • BA.2.86 जहां ज्यादा नहीं फैला था, वहीं JN.1 दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और कई देशों में इसके क्लस्टर सामने आ चुके हैं।

क्या हैं लक्षण

सूखी खांसी, नाक बहना या बंद होना, सिर दर्द, गले में खराश, बुखार, थकान या कमजोरी, स्वाद या गंध का चले जाना, डायरिया (इस वेरिएंट में अधिक देखा गया)

विदेशों में क्या हालात हैं?

हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर में मामलों में उछाल है। सिंगापुर में एक सप्ताह में कोविड केस 28% बढ़े (11,100 से 14,200) हैं। अस्पताल में भर्ती मामलों में भी 30% का इजाफा देखा गया है। हॉन्ग कॉन्ग में मई के पहले हफ्ते में 1,000+ केस और 31 मौतें हुई जो एक साल में सबसे ज्यादा है।

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📄 This content was originally published on navbharattimes on 2025-05-21. Read the original article here: https://navbharattimes.indiatimes.com/india/new-variant-of-covid-jn-1-a-warning-bell-the-highest-number-of-active-cases/articleshow/121305223.cms

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