नेपाल, इंडोनेशिया और ताजिकिस्तान में हाल ही में आए भूकंपों ने एक बार फिर टेक्टॉनिक गतिविधियों की गंभीरता को उजागर किया है। जानिए इन झटकों का समय, तीव्रता और जान-माल के नुक़सान की पूरी जानकारी।
जानिए इन देशों में कब-कैसे आए झटके और क्या हुआ नुक़सान
जानिए इन देशों में कब-कैसे आए झटके और क्या हुआ नुक़सान
23 मई 2025 को नेपाल के सुदूर पश्चिमी हिस्से में सुबह 1:33 बजे 4.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र बिंदु ज़मीन से 10 किमी नीचे था। इससे पहले भी नेपाल में पिछले कुछ दिन भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। 20 मई को पोखरा के पश्चिम में 22 किमी के बीच दिन के 01:59 बजे (स्थानीय समय) 3.9 तीव्रता के हल्के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र बिंदु ज़मीन से 10 किमी नीचे था और 22 मई को 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था यह इलाका भारत और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स की टक्कर के कारण हमेशा सक्रिय रहता है।
सौभाग्य से, इस बार किसी जान-माल की हानि की सूचना नहीं मिली है। नेपाल 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद से संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है।
इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा इलाके में 23 मई को रात 02:47 बजे 3.0 तीव्रता का हल्का भूकंप आया। जिससे कोई क्षति की सूचना नहीं हुई लेकिन 22 मई 2025 को इंडोनेशिया के बेंगकुलु इलाके में 6.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, यह देश प्रशांत महासागर की “Ring of Fire” पर स्थित है, जहाँ भूगर्भीय हलचलें आम हैं। इस भूकंप के कारण करीब 33 घर और एक इमारत को नुकसान पहुँचा, और कई लोग घायल हुए। हालाँकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन लोगों में डर का माहौल है।
हाल ही में ताजिकिस्तान में लगातार तीन भूकंप दर्ज किए गए हैं। 13 अप्रैल 2025 को रश्त क्षेत्र में सुबह 4:24 बजे 6.4 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी गहराई मात्र 16 किमी थी। इसके बाद 20 मई 2025 को इश्काशिम से 48 किमी उत्तर-पूर्व में दोपहर 3:16 बजे 4.4 तीव्रता का और फिर 21 मई 2025 को खोरुघ से 95 किमी उत्तर-पूर्व में सुबह 11:15 बजे 4.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिनकी गहराई क्रमशः 166 किमी और 113 किमी थी। ये तीनों घटनाएं ताजिकिस्तान की सक्रिय भूगर्भीय स्थिति को दर्शाती हैं, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलन क्षेत्र में स्थित होने के कारण भूकंपों की दृष्टि से संवेदनशील मानी जाती है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
लगातार आये भूकंप को देखते हुए विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सतर्क रहें, प्रकृति की चेतावनी को हल्के में न लें।
भूगर्भ विशेषज्ञों का मानना है कि ये घटनाएँ दिखाती हैं कि कैसे टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचल लगातार सक्रिय रहती है। इन क्षेत्रों के लोगों को भूकंप की तैयारियों और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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[…] Earth shook again in Nepal, Indonesia & Tajikistan […]
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