दिनांक: 11 जून 2025
जब दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच सार्वजनिक मंच पर विवाद हो जाए, तो सिर्फ ट्विटर (या एक्स) ही नहीं, पूरी दुनिया हिल जाती है। एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बीते कुछ दिनों से चल रही तनातनी अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। तकरार के बाद अब मस्क ने न केवल पछतावा जताया है, बल्कि अपने कई तीखे पोस्ट भी हटा लिए हैं। यह घटनाक्रम सिर्फ दो दिग्गजों की निजी लड़ाई नहीं, बल्कि अमेरिका की राजनीति, टेक इंडस्ट्री और कारोबारी सत्ता के जटिल समीकरणों को भी दर्शाता है।
संघर्ष की शुरुआत: एक ‘बिल’ जो सब पर भारी पड़ा
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई आर्थिक योजना “वन बिग ब्यूटीफुल बिल (OBBB)“ पेश की। यह बिल टैक्स कटौती और सरकारी खर्चों में बदलाव को लेकर था, लेकिन आलोचकों का कहना था कि इससे अमेरिका पर $3 ट्रिलियन का अतिरिक्त कर्ज आ सकता है। एलन मस्क ने इस बिल की खुलकर आलोचना की और इसे “घृणित अपमान” बताया।
मस्क ने ट्रंप की योजना को ‘वित्तीय आत्मघात’ करार दिया, और यहीं से दोनों के बीच की दूरी बढ़नी शुरू हुई। इससे पहले मस्क ट्रंप के चुनावी अभियान में करोड़ों डॉलर दान कर चुके थे और प्रशासन के भीतर एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहे थे।
व्यक्तिगत हमले और धमकियां
इस आलोचना के जवाब में ट्रंप ने भी मस्क पर तीखे हमले किए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर मस्क को “बोरिंग” और “पागल” करार दिया। ट्रंप ने यह तक कह दिया कि अगर मस्क ने डेमोक्रेट्स का समर्थन किया, तो सरकारी सब्सिडी और ठेके रद्द कर दिए जाएंगे। यह धमकी मस्क की कंपनियों, टेस्ला, स्पेसएक्स और न्यूरालिंक के लिए बड़ा झटका हो सकती थी।
इसके बाद मस्क ने एक और विवादित कदम उठाया: उन्होंने एक पोस्ट में ट्रंप का नाम जेफ्री एपस्टीन केस से जोड़ दिया और उन पर महाभियोग की मांग तक कर दी। हालाँकि, उन्होंने जल्द ही यह ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक आग फैल चुकी थी।
पछतावे की शुरुआत और यूटर्न
इन घटनाओं के ठीक कुछ दिन बाद मस्क ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के ज़रिए खेद जताया। उन्होंने कहा:
“मुझे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में पिछले हफ्ते की गई कुछ पोस्टों पर अफसोस है। वो हद से आगे निकल गई थीं।”
यह बयान साफ़ तौर पर एक सुलह का संकेत था। हालांकि यह भी स्पष्ट है कि मस्क पर अब दबाव बढ़ रहा था, न सिर्फ राजनीतिक, बल्कि व्यावसायिक भी।
सत्ता और तकनीक की जटिलता
यह लड़ाई एक तरह से सत्ता और नवाचार की भिड़ंत थी। मस्क, जो स्वयं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उद्यमशीलता का प्रतीक मानते हैं, ट्रंप के राजनीतिक एजेंडे से टकरा गए। वहीं ट्रंप, जो खुद को अमेरिका का सबसे प्रभावशाली नेता मानते हैं, मस्क जैसे व्यक्तित्व को अपने नियंत्रण से बाहर जाता देख परेशान थे।
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस लड़ाई में व्यक्तिगत ईगो, नीति निर्माण और व्यावसायिक हित, तीनों एक साथ टकरा गए।

अब आगे क्या?
मस्क की तरफ से अफसोस जताया जाना एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। उनकी कंपनियां अमेरिका सरकार की फंडिंग और ठेकों पर काफी हद तक निर्भर हैं। वहीं ट्रंप भी यह जानते हैं कि मस्क जैसे टेक दिग्गज को नाराज़ करना लंबे समय में नुकसानदेह हो सकता है, खासकर ऐसे वक्त में जब चुनाव नज़दीक हैं।
अब देखना यह होगा कि यह सुलह सिर्फ सतही है या वाकई दोनों पक्ष फिर से किसी साझेदारी की ओर बढ़ते हैं। फिलहाल, यह विवाद अमेरिकी राजनीति और तकनीकी क्षेत्र के आपसी संबंधों पर एक नया सवाल खड़ा करता है: जब दो दिग्गज टकराते हैं, तो नुकसान किसका होता है, देश का, कारोबार का या भरोसे का?
Source | News18
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