Former PM Madhav Nepal Faces Corruption Charges in Patanjali Deal – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

 Source| Reuters

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने भारतीय योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी, पतंजलि योगपीठ नेपाल, को कानूनी सीमा से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति दी। यह मामला 15 साल पुराना है, लेकिन हाल ही में इसे फिर से उठाया गया है, जिससे नेपाल की राजनीति में हलचल मच गई है।

मामले की पृष्ठभूमि

2009 से 2011 तक प्रधानमंत्री रहे माधव कुमार नेपाल पर आरोप है कि उन्होंने पतंजलि योगपीठ नेपाल को कावरे जिले में जड़ी-बूटी उत्पादन, प्रसंस्करण और एक अस्पताल के लिए आवश्यक भूमि से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति दी। इसके अलावा, कुछ भूमि को बाद में ऊंची कीमत पर बेचने या अदला-बदली करने की अनुमति दी गई, जिससे राज्य को वित्तीय नुकसान हुआ।

कानूनी प्रक्रिया और आरोप

नेपाल की भ्रष्टाचार निगरानी संस्था, आयोग के दुरुपयोग की जांच के लिए आयोग (CIAA), ने विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया है। इसमें नेपाल पर 185.85 मिलियन नेपाली रुपए (लगभग 1.35 मिलियन डॉलर) का जुर्माना और दोषी पाए जाने पर 17 साल तक की जेल की सजा की मांग की गई है। इसके अलावा, 92 अन्य व्यक्तियों, जिनमें कुछ पूर्व मंत्री और अधिकारी शामिल हैं, पर भी आरोप लगाए गए हैं।

पक्षों की प्रतिक्रियाएं

माधव कुमार नेपाल ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उन्होंने कोई अवैध कार्य नहीं किया है और यह मामला उनके खिलाफ “राजनीतिक प्रतिशोध” का हिस्सा है। उनकी पार्टी, यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी, ने भी इस कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है।

पतंजलि के प्रवक्ता ने भी किसी भी गलत काम से इनकार करते हुए कहा कि कंपनी ने उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत निजी तौर पर जमीन खरीदी है और सरकारी भूमि नहीं ली है।

राजनीतिक प्रभाव और व्यापक संदर्भ

यह मामला नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां पूर्व प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। यह मामला पहले से ही विवादास्पद ललिता निवास भूमि घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें नेपाल और बाबूराम भट्टराई की सरकारों पर सरकारी भूमि को निजी हाथों में स्थानांतरित करने के आरोप लगे थे।

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की जांच की अनुमति दी है, जिससे पूर्व प्रधानमंत्रियों पर जांच का रास्ता साफ हुआ है। यह निर्णय नेपाल में उच्च स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

माधव कुमार नेपाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप नेपाल की राजनीति और न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा हैं। यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे उच्च पदों पर बैठे व्यक्ति भी कानून के दायरे में आ सकते हैं और उनके खिलाफ जांच हो सकती है। आगामी अदालती कार्यवाहियों से यह स्पष्ट होगा कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध है या वास्तविक भ्रष्टाचार का मामला।

Earth shook again in Nepal, Indonesia & Tajikistan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *