गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। इस दिन को मां गंगा के धरती पर अवतरण के रूप में पूजा जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व और भी खास हो गया है क्योंकि इस दिन कई दुर्लभ योगों का संयोग बन रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार हस्त नक्षत्र, सिद्ध योग, व्यतीपात योग और गजकेसरी योग का महासंयोग बन रहा है। इसके अलावा सूर्य वृषभ और चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। इस दिन गंगा में स्नान करने से कायिक, वाचिक और मानसिक— कुल 10 तरह के दोषों का निवारण होता है।
Ganga दशहरा 2025 स्नान और पूजन का शुभ मुहूर्त
गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में डुबकी लगाने का सर्वोत्तम समय सूर्योदय से दोपहर 1:14 बजे तक है। इस दौरान किया गया स्नान, दान और पूजन अत्यंत फलदायी माना गया है।
मान्यता है कि इस दिन गंगाजल से स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है।

Ganga दशहरा पर करें ये कार्य
1. जल से भरे घड़े का दान करें
गर्मी में राहगीरों के लिए शीतल जल किसी अमृत से कम नहीं। आप मिट्टी या तांबे के मटके में जल भरकर किसी मंदिर या चौपाल में रख सकते हैं। इसमें तुलसी, इलायची या मिसरी डालकर इसे और भी पवित्र बनाया जा सकता है।
यह दान आयु, धन, और पुण्य की वृद्धि में सहायक होता है।
2. सफेद वस्त्रों का दान करें
गंगा मैया को श्वेत वस्त्र अर्पित किए जाते हैं। आप सफेद धोती, कुर्ता, साड़ी, या रुमाल का दान ब्राह्मणों, साधुओं, वृद्धजनों या अनाथों को करें।
यह दान पितृदोष निवारण और मन की शांति लाता है।
3. शरबत, मौसमी फल और खांड का दान
गर्मी में बेल का शरबत, नींबू पानी, ठंडाई, खरबूजा, तरबूज और आम जैसे फल अत्यंत उपयोगी होते हैं। इनका वितरण आप राहगीरों या अनाथालय में कर सकते हैं।
यह दान क्रोध, चिंता और असंतुलन को दूर करता है।

4. छाता, चप्पल और तौलिया का दान
गर्मी से राहत देने वाली वस्तुएं जैसे छाता, चप्पल और तौलिया जरूरतमंदों को दें। यह खासकर उन गरीबों के लिए उपयोगी है जिनके पास ये सुविधाएं नहीं होतीं।
यह दान दुर्घटनाओं से सुरक्षा और मानसिक सुकून देता है।
5. सात धान्य और तिल का दान करें
चावल, गेहूं, मूंग, उड़द, मसूर, जौ, बाजरा के साथ तिल का दान गंगा दशहरा पर अत्यंत शुभ माना गया है। इसे ब्राह्मणों, विधवाओं, भूखे बच्चों को देना विशेष फलदायी होता है।
यह दान पितृदोष, अन्न-संकट और पापों की शुद्धि में सहायक होता है।
Ganga दशहरा पर क्या न करें?
- अशुद्ध या अपवित्र अवस्था में नदी में स्नान न करें।
- अपशब्द, क्रोध या हिंसा से बचें।
- कूड़ा-कचरा या प्लास्टिक नदियों में न डालें।
- किसी भी जरूरतमंद को निरादर न करें।
- दिनभर जंक फूड या तामसिक भोजन से बचें।
Ganga दशहरा के लाभ
- 10 प्रकार के दोषों से मुक्ति
- मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा
- पितृदोष और ग्रहदोष निवारण
- रोगों और भय से मुक्ति
- मोक्ष की प्राप्ति की ओर पहला कदम
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