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Great Wall of China

Great Wall of China (चीन की महान दीवार) दुनिया की सबसे लम्बी और ऐतिहासिक रचनाओं में से एक है। यह दीवार चीन के उत्तरी सीमांत क्षेत्र में स्थित है और इसे विभिन्न चीनी राजवंशों द्वारा विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा के लिए बनवाया गया था।

🏯 चीन की महान दीवार का इतिहास (History in Hindi):

📜 प्रारंभिक निर्माण (7वीं शताब्दी ईसा पूर्व):

  • सबसे पहले दीवार का निर्माण 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था, जब विभिन्न राज्य अपने-अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए छोटी-छोटी दीवारें बनवा रहे थे।
  • यह समय चीन के “झाओ”, “येन” और “क्यू” जैसे राज्यों का था।

🛡️ किन राजवंश और सम्राट किन शी हुआंग (Qin Shi Huang – 221 ई.पू.):

  • 221 ई.पू. में जब किन सम्राट शी हुआंग ने चीन को एकीकृत किया, तो उसने विभिन्न दीवारों को जोड़कर एक बड़ी दीवार बनवाई।
  • इस समय इसे मंगोल और उत्तरी घुमंतू जनजातियों से रक्षा के लिए मज़बूत बनाया गया।

🏗️ निर्माण की विधि:

  • शुरुआत में दीवार पत्थर, मिट्टी, लकड़ी और ईंटों से बनाई गई थी।
  • कई स्थानों पर पहाड़ों के किनारे-किनारे इसे बनाया गया है।
  • लाखों मजदूर, सैनिक और अपराधियों से जबरदस्ती यह काम करवाया गया।

🏯 मिंग वंश (1368–1644):

  • मिंग वंश के समय दीवार का सबसे अधिक विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया गया।
  • उन्होंने इसे ईंट और पत्थर से बनवाया, और कई जगहों पर चौकियाँ (watchtowers) और किले (fortresses) बनाए।
  • इस काल की दीवार ही आज मुख्य रूप से देखने को मिलती है।

📏 मुख्य तथ्य:

तथ्यविवरण
कुल लंबाईलगभग 21,196 किलोमीटर
चौड़ाईलगभग 4.5 से 9 मीटर तक
ऊंचाईऔसतन 7 से 8 मीटर, कुछ स्थानों पर 14 मीटर तक
निर्माण काललगभग 2000 साल
प्रमुख उद्देश्यमंगोल और अन्य आक्रमणकारियों से रक्षा करना
वर्तमान स्थितिUNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट (1987)

🎭 रोचक तथ्य (Interesting Facts):

  1. इसे अक्सर कहा जाता है कि यह अंतरिक्ष से दिखाई देती है, लेकिन यह पूरी तरह सत्य नहीं है।
  2. दीवार के निर्माण में करीब 20 लाख मजदूरों ने काम किया।
  3. लाखों लोग इसके निर्माण में मारे गए — इसलिए इसे कभी-कभी “सबसे बड़ी कब्र” भी कहा जाता है।
  4. यह दीवार पहाड़ों, रेगिस्तानों, नदियों और घाटियों के ऊपर बनाई गई है।

🎯 महत्व:

  • यह दीवार चीन की राष्ट्रीय पहचान और गर्व का प्रतीक बन चुकी है।
  • यह न केवल सैन्य सुरक्षा का साधन थी, बल्कि संस्कृति, व्यापार और संचार का भी मार्ग बनी।