मंडी में बादल फटने से मचा हाहाकार
Himachal Cloudburst ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भीषण तबाही मचाई है। सराज घाटी की 38 पंचायतें इस तबाही के बाद पूरी तरह अलग-थलग पड़ गई हैं। अब तक के चलते 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 55 लोग लापता बताए जा रहे हैं। संचार और सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।
थुनाग में मिला एक और शव
30 जून की रात को आए Himachal Cloudburst के बाद वीरवार को थुनाग इलाके में एक और शव मिला है। यह हादसा सराज क्षेत्र के लिए बेहद विनाशकारी रहा। कई जगहों पर बिजली-पानी की व्यवस्था ठप है और फोन सेवाएं भी बंद पड़ी हैं। राहत और बचाव कार्य पहुंचने में भी भारी दिक्कतें आ रही हैं।
Himachal Cloudburst के बाद सड़कों और पुलों की हालत खराब
Himachal Cloudburst के बाद मंडी जिले में 188 सड़कें बंद हैं और 14 पुल या तो बह गए हैं या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इससे राहत टीमें प्रभावित क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। बगस्याड़ से थुनाग तक सड़क बहाल करने के लिए छह मशीनें और दो जेसीबी लगाई गई हैं, लेकिन कई गांव अब भी पूरी तरह कटे हुए हैं।

Himachal Cloudburst के कारण खाद्यान्न संकट
सराज घाटी के प्रभावित गांवों में अब खाद्यान्न संकट गहराता जा रहा है। Cloudburst के बाद दुकानें खाली हो गई हैं और बच्चे भूखे हैं। प्रशासन ने राशन पहुंचाने के लिए खच्चरों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। बगस्याड़ से थुनाग तक राशन व पानी पहुंचाने का काम जारी है।
हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री वितरण
राहत कार्यों के तहत रैणगलू और जंजैहली में हेलिकॉप्टर के माध्यम से राशन किट भेजी गई हैं। लेकिन Himachal Cloudburst से ध्वस्त सड़कों के कारण उन्हें लोगों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सराज घाटी की करीब 80,000 आबादी इस आपदा से जूझ रही है।
Himachal Cloudburst के बाद बिजली और पानी की स्थिति
प्रदेश में 511 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। सराज क्षेत्र की मुख्य छड़ीखड्ड-शेटाधार पेयजल योजना ध्वस्त हो चुकी है, जिससे 25 पंचायतों में पानी की भारी किल्लत है। अन्य जल योजनाएं भी Himachal Cloudburst के बाद नष्ट हो गई हैं।
Himachal Cloudburst से 400 करोड़ का अनुमानित नुकसान
उपायुक्त अपूर्व देवगन के अनुसार, मंडी जिले में Himachal Cloudburst के कारण नुकसान का आंकड़ा 400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इसमें सरकारी विभागों को 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

चंबा और कांगड़ा में भी जानें गईं
चंबा जिले के कलियु गांव में रसोई गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक घायल हुआ। वहीं, कांगड़ा में ब्यास नदी से एक महिला का शव मिला। Himachal Cloudburst और उससे जुड़ी बारिश ने पूरे प्रदेश को प्रभावित किया है।
सड़कों और हाईवे पर असर
मनाली-लेह हाईवे सोलंगनाला के कांगनी नाला में भूस्खलन के कारण 10 घंटे तक बंद रहा। पूरे प्रदेश में 246 सड़कें, 404 ट्रांसफार्मर और 784 जल योजनाएं ठप पड़ी हैं। Himachal Cloudburst का असर केवल मंडी तक सीमित नहीं रहा है।
Himachal Cloudburst पर मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने Himachal Cloudburst के मद्देनजर 5 से 9 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को भी भारी बारिश का अनुमान है। शिमला में वीरवार को 36 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
Himachal Cloudburst के बाद मंडी के करसोग, गोहर और थुनाग में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। राहत शिविरों में 357 लोगों को सहायता दी जा रही है। सरकार ने केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग भी की है।
Himachal Cloudburst: अब क्या जरूरी है?
- कटे हुए क्षेत्रों तक राहत टीमों की पहुंच
- बिजली और जल सेवाओं की तत्काल बहाली
- प्रभावितों को खाद्यान्न और दवाओं की आपूर्ति
- दीर्घकालिक पुनर्निर्माण योजना का निर्माण
Cloudburst एक बार फिर बताता है कि पर्वतीय इलाकों में जलवायु परिवर्तन किस तरह तबाही ला सकता है। इस त्रासदी से न केवल सीख लेने की आवश्यकता है, बल्कि तत्काल नीतिगत निर्णयों की भी जरूरत है ताकि ऐसी आपदाओं को भविष्य में कम किया जा सके। Himachal Pradesh Disaster Management Authority(HPSDMA)
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