गंगोत्री धाम: जहाँ अवतरित हुई माँ गंगा
उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों में शामिल गंगोत्री धाम आस्था, प्रकृति और अध्यात्म का केंद्र है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां माँ गंगा के दर्शन और पुण्य लाभ के लिए पहुंचते हैं। वर्ष 2025 में गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खोले गए, और यात्रा हेतु पंजीकरण पहले ही पूर्ण किया गया था।
यह पावन धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
गंगोत्री धाम का इतिहास और महत्व
गंगोत्री धाम देवी गंगा माँ को समर्पित है। माना जाता है कि गंगा का अवतरण यहीं से हुआ था। इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में गोरखा सेनापति अमर सिंह थापा ने कराया था, और बाद में जयपुर के राजा माधो सिंह द्वितीय ने इसका जीर्णोद्धार करवाया।
किंवदंती है कि पांडवों ने भी यहीं अपने परिजनों की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ किया था। माँ गंगा को पापों का नाश करने वाली और मोक्ष देने वाली देवी माना जाता है।
गंगा अवतरण की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा को धरती पर लाने हेतु कठोर तप किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में बांध लिया और फिर हिमालय में मुक्त किया।
गंगा के वेग से ऋषि जह्न का ध्यान भंग हुआ तो उन्होंने गंगा को अपने कमंडल में बंद कर दिया। भगीरथ के विनती करने पर ऋषि जह्न ने गंगा को कान से बाहर निकाला, इसलिए गंगा को ‘जाह्नवी’ भी कहा जाता है।
यात्रा का सही समय
गंगोत्री धाम की यात्रा मई से अक्टूबर के बीच करना सबसे उचित होता है। सर्दियों में यहां भारी बर्फबारी होती है, जिससे मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं। यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लेना अनिवार्य है।
रजिस्ट्रेशन है अनिवार्य
गंगोत्री यात्रा हेतु ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। बिना पंजीकरण किसी को यात्रा की अनुमति नहीं मिलती। आप पंजीकरण यात्रा पोर्टल या अधिकृत काउंटर से करा सकते हैं।
कैसे पहुँचें गंगोत्री धाम?
गंगोत्री तक सीधी ट्रेन या हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा जॉलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) और निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश हैं।
- देहरादून से गंगोत्री: लगभग 220 किमी
- हरिद्वार से गंगोत्री: लगभग 250 किमी
सड़क मार्ग से यात्रा करना ही एकमात्र विकल्प है। यहां तक पहुँचने के लिए टूरिस्ट टैक्सी, बस या निजी वाहन उपलब्ध हैं।
गंगोत्री में घूमने लायक प्रमुख स्थल

1. गोमुख
गंगोत्री से लगभग 19 किलोमीटर दूर स्थित गोमुख गंगा नदी का वास्तविक उद्गम स्थल है। ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए यह जगह बेहद खास है।
2. हर्षिल
यह सुंदर हिल स्टेशन समुद्रतल से 2600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहां के सेब प्रसिद्ध हैं और यह स्थान फोटोग्राफी और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है।
3. नंदनवन-तपोवन
गंगोत्री ग्लेशियर के पास स्थित यह स्थान एडवेंचर ट्रैकिंग के लिए जाना जाता है। यहां से शिवलिंग, केदार डोम और भागीरथी शृंखला के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं।
4. भैरव घाटी
गंगोत्री से केवल 10 किलोमीटर दूर स्थित यह घाटी अपने रहस्यमयी वातावरण के लिए जानी जाती है। यहीं से नेलांग घाटी के लिए रास्ता भी जाता है।
प्रमुख दूरियाँ
- हर्षिल – भैरव घाटी: लगभग 25 किमी
- उत्तरकाशी – गंगोत्री: लगभग 100 किमी
- हर्षिल – गंगोत्री: लगभग 32 किमी
ठहरने की व्यवस्था
गंगोत्री और आस-पास के क्षेत्रों में धर्मशालाएं, लॉज और होटल की पर्याप्त व्यवस्था है। इसके अलावा कई सरकारी और निजी रेस्ट हाउस भी उपलब्ध हैं। यात्रा के दौरान अग्रिम बुकिंग कर लेना सुविधाजनक रहेगा।
यात्रा से पहले ज़रूरी बातें
- मौसम की जानकारी जरूर लें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र साथ रखें।
- स्वास्थ्य की जांच और दवाइयों की व्यवस्था पहले से कर लें।
- यात्रा के दौरान पर्यावरण का विशेष ध्यान रखें।
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