INDIA गठबंधन दरार 2025 को लेकर देश की राजनीति में हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और अब कोई गठबंधन नहीं रहेगा।
यह घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है और विपक्षी दल एकजुटता का दावा कर रहे हैं।
INDIA गठबंधन दरार 2025 पर केजरीवाल का बयान
केजरीवाल ने साफ कहा –
“INDIA गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक था। अब हमारा कांग्रेस से या किसी अन्य पार्टी से कोई गठबंधन नहीं है। अगर होता तो कांग्रेस विसावदर उपचुनाव में हमारे खिलाफ उम्मीदवार क्यों उतारती?”
INDIA गठबंधन दरार 2025 की इस पुष्टि से यह भी साफ हो गया कि आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने बूते राजनीति करना चाहती है।
विसावदर उपचुनाव ने बदली सियासी दिशा
गुजरात की विसावदर सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी को 17,581 वोटों से हराया, जबकि कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही।
यह जीत INDIA गठबंधन दरार 2025 की एक बड़ी वजह बनी क्योंकि इस चुनाव में कांग्रेस और आप आमने-सामने थे।
लोकसभा चुनाव 2024 में साथ थे कांग्रेस-आप
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने कई सीटों पर साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में ये पार्टियां अलग-अलग लड़ी थीं। अब बिहार में भी दोनों पार्टियां अलग-अलग राह पर हैं, जिससे INDIA गठबंधन दरार 2025 और गहरा हो गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में चुनाव होने की संभावना है। एनडीए (भाजपा, जदयू, लोजपा) अपनी सत्ता बचाने के लिए रणनीति बना रहा है। वहीं, कांग्रेस और राजद सहित विपक्षी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देने की तैयारी में हैं।
अब आम आदमी पार्टी का अकेले उतरना INDIA गठबंधन दरार 2025 को और गंभीर बना देता है।
‘आप सबकी आवाज’ का ‘जन सुराज’ में विलय
बिहार की राजनीति में एक और बड़ा घटनाक्रम यह रहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ का विलय प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’ में कर दिया। साथ ही पूर्व बीजेपी सांसद उदय सिंह को जन सुराज का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
यह गठबंधन भी INDIA गठबंधन दरार 2025 के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह विपक्षी ताकतों का बिखराव दिखा रहा है।
चुनाव आयोग का SIR अभियान
चुनाव आयोग ने बिहार में Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत वोटर लिस्ट की शुद्धता और सत्यापन किया जाएगा।

हालांकि कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे ‘वोटबंदी’ कहा। सांसद जयराम रमेश ने कहा,
“2016 की नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया और अब चुनाव आयोग की ‘वोटबंदी’ लोकतंत्र पर हमला है।”
INDIA गठबंधन दरार 2025 के बीच यह विवाद और गरमा गया है।
INDIA गठबंधन दरार 2025 का असर क्या होगा?
- विपक्ष की एकता पर सवाल: विपक्षी दलों में आपसी विश्वास की कमी दिख रही है।
- बीजेपी को फायदा: वोटों का बंटवारा एनडीए को बढ़त दिला सकता है।
- नई राजनीतिक ध्रुवीकरण: प्रशांत किशोर की पार्टी और AAP जैसी ताकतें नए समीकरण बना सकती हैं।
- चुनाव पूर्व गठबंधन और टूट: अब गठबंधनों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठेंगे।
INDIA गठबंधन दरार 2025 की पुष्टि से यह साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी एकता धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। केजरीवाल का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला बिहार चुनाव की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इस नई सियासी चाल को किस तरह देखती है – गठबंधन की हार या एक नई राजनीतिक शुरुआत?
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