भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते एक नए मोड़ पर हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित नई टैरिफ नीति के अनुसार, भारत को 7 अगस्त से अमेरिका में 25% टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है, जो करीब $87 अरब डॉलर की एक्सपोर्ट पर असर डाल सकता है।
31 जुलाई की रात, व्हाइट हाउस द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, Executive Order 14257 के तहत घोषित “राष्ट्रीय आपातकाल” के चलते ये रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जा रहे हैं।
हालांकि यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होने वाला था, लेकिन अमेरिका ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया है — जिससे भारत को व्यापार समझौता करने के लिए 7 दिनों की मोहलत मिल गई है।
किन क्षेत्रों पर पड़ेगा सबसे अधिक असर?
भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़े एक्सपोर्ट मार्केट्स में से एक है। टैरिफ का सीधा प्रभाव इन प्रमुख क्षेत्रों पर देखने को मिल सकता है:
- इलेक्ट्रॉनिक्स (iPhones, components, accessories)
- भारत अब iPhones का एक प्रमुख निर्यातक है।
- Gems & Jewellery (हीरे, सोने के आभूषण)
- यह सेक्टर भारत की एक्सपोर्ट आय का मुख्य स्रोत है।
- फार्मास्युटिकल्स और केमिकल्स
- यह भी बड़े स्केल पर अमेरिका को भेजे जाते हैं।
भारत–अमेरिका व्यापार संबंध: अब तक की कहानी
2024 में भारत और अमेरिका के बीच $186 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था, जिसमें भारत को $41 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष मिला।
भारत ने पहले ही कई रियायतें दी हैं – जैसे बोर्बन व्हिस्की और मोटरसाइकिल्स पर टैरिफ कटौती, फिर भी ट्रंप का यह कदम हैरान करने वाला है।
US Treasury Secretary Scott Bessent ने CNBC से बातचीत में भारत पर समझौते में देरी का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका की पूरी ट्रेड टीम भारत से निराश है।
विपक्ष का हमला: “विदेश नीति की विफलता“
कांग्रेस पार्टी ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी ने 2019 में अमेरिका में ट्रंप के लिए प्रचार किया और उन्हें “गले लगाया”, और बदले में भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया गया।
Jairam Ramesh ने WTO, WHO जैसे संस्थानों के साथ भारत के रिश्ते की महत्ता को रेखांकित किया और ट्रंप द्वारा WTO को “नष्ट करने” की बात कही।
भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
Aditi Nayar, ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा:
“टैरिफ अब पहले की अपेक्षा अधिक हैं और इसका असर GDP ग्रोथ पर दिखेगा। FY2026 में भारत की GDP ग्रोथ 6.2% रहने की संभावना है।”
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया और रणनीति
Piyush Goyal, वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने संसद में कहा कि सरकार लगातार एक्सपोर्टर्स और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से बात कर रही है।
भारत ने हाल ही में UAE, UK, ऑस्ट्रेलिया और EFTA के साथ Mutually Beneficial Free Trade Agreements साइन किए हैं और अमेरिका के साथ भी इसी दिशा में काम कर रहा है।
Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अमेरिका को शांत करने के लिए US आयात बढ़ाने जैसे विकल्पों पर विचार कर रहा है।

क्या 7 दिन की मोहलत काफी होगी?
अमेरिका ने मेक्सिको को पहले 90 दिन की छूट दी थी। लेकिन भारत को केवल 7 दिन का ‘ब्रीदर’ मिला है।
Ajay Bagga, मार्केट एक्सपर्ट ने ANI से कहा:
“ट्रंप ने दर्जनों टैरिफ पॉलिसी को एक साथ लागू किया है। यह पूरी नीति अव्यवस्था में है। अब बाजारों में तनाव बढ़ रहा है – अमेरिका से लेकर एशिया तक।”
आने वाले कदम
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापक व्यापार समझौता (FTA) पर बातचीत जारी है।
- अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त के अंत में भारत आने वाला है।
- उम्मीद है कि 25% टैरिफ को लेकर अस्थायी समाधान निकल सकता है।
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