क्या है यह दिवस?
- अफ्रीकी यूनिटी ऑर्गनाइजेशन (OAU – अब अफ्रीकी यूनियन) ने 1991 में हर साल 16 जून को ‘Day of the African Child’ मनाने की घोषणा की।
- यह दिन 1976 की सोवेटो छात्र विद्रोह की याद दिलाता है, जब काले बच्चों ने अफ्रीकी भाषा में शिक्षा की मांग की और कई छात्र मारे गए।
इस साल का थीम:
“Planning and Budgeting for Children’s Rights: Progress since 2010”
अफ्रीकी बाल अधिकारों के लिए योजना और बजट की समीक्षा और सुधार का आह्वान करता है।
इस साल की महत्वपूर्ण घटनाएँ:
- अफ्रीकी यूनियन कमिटी ऑन एक्सपर्ट्स ऑन द चाइल्ड (ACERWC) ने थीम की घोषणा की और सदस्य देशों को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी।
- तंज़ानिया के राष्ट्रपति ने शिक्षा में निवेश बढ़ाने की बात की, जो आज़ादी दिवस के अवसर पर घोषित हुआ ।
- लाइबेरिया में राष्ट्रपति बोकाई ने 16 जून को “Day of the African Child and World Day Against Child Labor” घोषित किया, जिसमें 1,000 से अधिक बच्चों की भागीदारी थी।
आज की प्रमुख खबरें:
- Education Cannot Wait ने बच्चों के लिए तत्काल शिक्षा वित्तपोषण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
- संगठन Equality Now ने अफ्रीकी लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा रोकने और न्याय प्रणाली तक पहुँच बढ़ाने में साझेदारियों की स्थिति की समीक्षा की ।
क्यों जरूरी है:
- बजट प्रतिबद्धता से इन मुद्दों को प्राथमिकता मिलती है — यही इस दिन की मूल मांग है।
- अफ्रीका में शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य तक बच्चों की पहुँच अभी भी अचूक नहीं है ।
ब्लॉग संरचना – आज का “न्यूज़ ब्लॉग”
अंतर्राष्ट्रीय अफ्रीकी बाल दिवस 2025: योजना, बजट और बच्चों के अधिकार
परिचय
16 जून 2025 को अफ्रीका में बच्चों के अधिकारों पर ज़ोर देने और सोवेटो विद्रोह की याद में यह लगातार आयोजन सफल व सार्थक साबित हो रहा है।
मुख्य बिंदु
- 1976 सोवेटो छात्र विद्रोह से लेकर 1991 में स्थापना; आज भी इसकी सार्थकता बनी हुई है।
- इस साल की थीम: योजना और बजट – क्या अब तक कितना हुआ?
- अफ्रीकी यूनियन और सदस्य देशों की पहल – जैसा कि तंज़ानिया और लाइबेरिया में देखने को मिला।
- NGOs और संस्थाओं ने बच्चों के मूल्यांकन और न्याय तक पहुँच के लिए क्या कदम उठाए?
- Education Cannot Wait: तत्काल शिक्षा के संसाधनों पर ध्यान
- Equality Now: लड़कियों की सुरक्षा और न्यायसेवा में सुधार
थीम ‘Budgeting for Children’s Rights’ सिर्फ कागजों का मुद्दा नहीं—यह असली बदलाव का रास्ता है। सरकारों, NGOs और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को बजट में इसे प्राथमिकता देनी होगी।
gov. एक्शन
- सरकारों से: बच्चों के लिए बजट आवंटन में पारदर्शिता व वृद्घि करें।
- NGOs और समाज से: जागरूकता, शिक्षा, और निगरानी को मजबूत करें।

फोकस – आज की महत्वपूर्ण रिपोर्ट
गरीबी और समयबंदी के कारण अफ्रीका के सबसे बड़े हिस्से में आज भी 87 मिलियन बच्चे श्रम में लगे हैं — जिसके पीछे बोझ बढ़ता जा रहा।
आज की रिपोर्ट पर एक नजर
आज भी अफ्रीका के कई हिस्सों में बच्चे आर्थिक व सामाजिक कारणों से शिक्षा छोड़कर बाल श्रम की ओर धकेले जा रहे हैं। गरीबी, संसाधनों की कमी और समयबद्ध योजनाओं की अनुपस्थिति के कारण स्थिति और गंभीर हो रही है।
विश्व सी टर्टल डे 2025: समुद्री कछुओं की सुरक्षा का संकल्प
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