भारत के समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को एक और गौरव प्राप्त हुआ है। Maratha Military Landscapes यानी मराठा साम्राज्य के वीरता और रणनीति के प्रतीक 12 किलों को अब UNESCO ने World Heritage List में शामिल कर लिया है। यह घोषणा UNESCO World Heritage Committee की 47वीं बैठक के दौरान की गई।
इसमें महाराष्ट्र के 11 किले और तमिलनाडु का 1 किला शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे हर भारतीय के लिए गर्व का पल बताया।
क्या है Maratha Military Landscapes?
Maratha Military Landscapes एक ऐसा समूह है जो 17वीं से 19वीं सदी के बीच मराठा साम्राज्य द्वारा निर्मित और विकसित किए गए किलों को दर्शाता है। इन किलों का निर्माण केवल सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि सैन्य रणनीति, सामाजिक प्रशासन और आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, ये किले स्थानीय निर्माण तकनीकों, स्थान चयन की समझ और सैन्य योजना का अद्भुत उदाहरण हैं। इनका डिजाइन विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार किया गया है—पहाड़ों, समुद्रों और घाटियों में।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर कहा:
“जब हम गौरवशाली मराठा साम्राज्य की बात करते हैं तो हम इसे सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पर जोर से जोड़ते हैं।”
उन्होंने लोगों से इन किलों को देखने और मराठा इतिहास से जुड़ने का आग्रह किया।
कौन-कौन से किले हुए शामिल?
Maratha Military Landscapes में निम्नलिखित 12 किलों को शामिल किया गया है:
महाराष्ट्र के 11 किले:
- साल्हेर किला – सबसे ऊँचाई पर स्थित मराठा किला
- शिवनेरी किला – छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थल
- लोहगढ़ किला – सह्याद्रि पर्वतमाला में स्थित रणनीतिक किला
- खांदेरी किला – समुद्री सुरक्षा के लिए प्रमुख किला
- रायगढ़ किला – छत्रपति शिवाजी की राजधानी
- राजगढ़ किला – रणनीतिक दृष्टि से ऊंचे स्थान पर स्थित
- प्रतापगढ़ किला – अफजल खान वध के लिए प्रसिद्ध
- सुवर्णदुर्ग – कोकण तट पर समुद्री सुरक्षा का उदाहरण
- पन्हाला किला – ऐतिहासिक घेराबंदी के लिए प्रसिद्ध
- विजयदुर्ग – मजबूत किलेबंदी वाला तटीय किला
- सिंधुदुर्ग – समुद्र के बीच बना शक्तिशाली किला
तमिलनाडु का 1 किला:

- जिंजी किला (Gingee Fort) – दक्षिण भारत का एकमात्र मराठा सैन्य किला
भारत की 44वीं विश्व धरोहर स्थल
इन किलों के UNESCO सूची में शामिल होने के साथ ही भारत की कुल World Heritage Sites की संख्या 44 हो गई है।
इससे पहले भारत की कुछ प्रमुख धरोहरें जो UNESCO सूची में शामिल हो चुकी हैं:
- अजंता–एलोरा की गुफाएं
- ताजमहल
- हम्पी के मंदिर
- काजीरंगा नेशनल पार्क
- कुतुब मीनार
Maratha Military Landscapes की विशेषताएं
✅ स्थान की रणनीतिक पसंद – पहाड़, तट, घाटियां
✅ स्थानीय निर्माण तकनीक – बिना आधुनिक संसाधनों के भव्य निर्माण
✅ स्वराज्य की सोच – आत्मनिर्भर शासन प्रणाली
✅ कला और वास्तुकला – अद्वितीय शैली और शिल्पकला
✅ सैन्य योजना – हमलों से रक्षा के लिए मजबूत गढ़बंदी
पर्यटन और संरक्षण पर प्रभाव
अब इन किलों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य और केंद्र सरकारें इनके संरक्षण के लिए अधिक संसाधन प्रदान करेंगी।
UNESCO टैग मिलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार में भी वृद्धि होगी।

