मानेसर प्लांट में मारुति की नई रेलवे साइडिंग से होगी 4.5 लाख गाड़ियों की डिस्पैच – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

मारुति सुजुकी ने हरियाणा के मानेसर प्लांट में भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग शुरू की। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत विकसित किया गया है और सालाना 4.5 लाख गाड़ियों के रेलवे डिस्पैच की क्षमता रखता है।

भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का शुभारंभ मंगलवार को हरियाणा के मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) की सुविधा में किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद रहे।

यह इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) का हिस्सा है, जो सोनीपत से पलवल तक 126 किलोमीटर लंबा है। इस परियोजना को हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HORCL) नामक संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा क्रियान्वित किया गया है।

452 करोड़ रुपये की कुल निवेश लागत

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने इस परियोजना में कुल ₹452 करोड़ का निवेश किया है। इसमें ₹325 करोड़ की भागीदारी HORC के विकास में और ₹127 करोड़ की राशि आंतरिक यार्ड के निर्माण में की गई है।

कंपनी के एमडी और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने उद्घाटन पर कहा:

“हमें गर्व है कि भारत की सबसे बड़ी इन-प्लांट रेलवे साइडिंग आज मानेसर प्लांट में शुरू हुई है। यह परियोजना ग्रीन लॉजिस्टिक्स और प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के विज़न को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह साइडिंग सालाना 60 मिलियन लीटर ईंधन की बचत करेगी और 1.75 लाख टन CO₂ उत्सर्जन में कमी लाएगी। कंपनी का लक्ष्य 2030-31 तक 35% वाहनों का रेलवे के माध्यम से डिस्पैच करना है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रेलवे साइडिंग

46 एकड़ क्षेत्र में फैली इस इन-प्लांट रेलवे साइडिंग में कुल 8.2 किलोमीटर ट्रैक बिछाया गया है, जिसमें चार पूरी लंबाई के रेक ट्रैक और एक इंजन एस्केप ट्रैक शामिल है।
इसमें दो मंजिला स्टेशन भवन, गार्ड और ड्राइवर के लिए अलग ट्रैक पथ, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन इंटरलॉकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।

इस साइडिंग के ज़रिए मारुति के गुरुग्राम और मानेसर प्लांट्स में बनी गाड़ियां देशभर के 17 हब्स और 380 शहरों तक भेजी जाएंगी। साथ ही मुंद्रा और पीपावाव पोर्ट्स के ज़रिए निर्यात भी होगा। इसकी पूरी क्षमता पर सालाना 4.5 लाख वाहनों को रेलवे से डिस्पैच किया जा सकेगा।

ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में बड़ा कदम

मारुति सुजुकी अब तक 2014-15 से 25 लाख गाड़ियों को रेलवे के जरिए भेज चुकी है। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 13 जलवायु कार्रवाई के साथ भी मेल खाती है। कंपनी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और नेट ज़ीरो एमिशन लक्ष्य (2070) में योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई है।

मुख्यमंत्री और रेल मंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा:

“हरियाणा में यह GatiShakti मल्टी-मोडल कार्गो टर्मिनल एक स्वर्णिम विकास अध्याय की शुरुआत करेगा। यह लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांति लाने वाला कदम है, जो औद्योगिक माल परिवहन को नई गति, दक्षता और सुविधा प्रदान करेगा।”

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना को हरियाणा और भारत के लिए लॉजिस्टिक्स क्रांति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

Chenab Railway Bridge Inauguration: PM Modi’s Historic Gift

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *