Masik Shivratri 25 May 2025: A Blessed Day to Worship Lord Shiva – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

भारत में धार्मिक त्योहारों का अपना एक अलग ही महत्व और गरिमा होती है। इन त्योहारों के माध्यम से न केवल धार्मिक आस्था प्रकट होती है, बल्कि समाज में एकता और सांस्कृतिक धरोहर भी बनी रहती है। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है मासिक शिवरात्रि, जो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 25 मई 2025 को पड़ रही है, जिसे भक्त बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक मासिक व्रत है। यह व्रत शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे करने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं तथा सफलता मिलती है। शिवरात्रि का अर्थ होता है ‘शिव की रात्रि’, जो भगवान शिव के ध्यान और उपासना के लिए समर्पित होती है। हिंदू धर्म में शिव को संहारक, पालनहार और सृष्टि के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत करके भक्त भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रार्थना करते हैं।

पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि के दिन भक्त सुबह से ही व्रत रखते हैं। दिनभर निर्जला या फलाहारी व्रत रखा जाता है। शाम को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, और बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं। इसके साथ ही भगवान शिव के नाम का जाप, भजन और कीर्तन किया जाता है। रात्रि में जागरण किया जाता है, जहां पूरे रात भगवान शिव की महिमा गाई जाती है।

इस वर्ष मई माह की मासिक शिवरात्रि 25 मई 2025, रविवार को मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि 25 मई दोपहर 3:51 बजे से प्रारंभ होकर 26 मई दोपहर 12:11 बजे तक रहेगी।

इस दिन निशिता काल, यानी सबसे शुभ पूजा का समय, रात 11:58 बजे से 12:39 बजे तक रहेगा। इस समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए बेहद पवित्र दिन माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन व्रत रखकर और अनुष्ठान करने से आध्यात्मिक लाभ होता है, जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को शांति तथा समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मई माह की मासिक शिवरात्रि पर कई खास मुहूर्त होते हैं, जिनमें पूजा-अर्चना करना अत्यंत शुभ होता है:

  • सूर्योदय: सुबह 5:26 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 7:11 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:04 से 4:45 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:36 से 3:31 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:50 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:09 से 7:30 बजे तक
  • निशिता पूजा मुहूर्त: रात 11:22 से 12:01 बजे तक

मासिक शिवरात्रि और नौतपा का संबंध

25 मई से नौतपा की अवधि भी शुरू हो रही है, जो वर्ष के सबसे गर्म दिनों में से एक माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह नौ दिन अत्यंत गर्म और कष्टदायक होते हैं। नौतपा के दौरान सूर्य अपनी उच्चतम स्थिति में होता है, जिससे अधिक गर्मी पड़ती है। इसलिए इस दौरान शरीर की देखभाल करना आवश्यक है।

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि यह नौतपा की गर्मी से बचाव का भी संकेत माना जाता है। भक्त मानते हैं कि भगवान शिव की आराधना से उन्हें जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

मासिक शिवरात्रि हर महीने आने वाला एक ऐसा पर्व है जो हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवित रखता है। यह न केवल भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी अवसर प्रदान करता है। इस बार 25 मई को आप भी इस पावन पर्व को श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाएं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।

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