New START Treaty in danger: Conflict between Russia-US nuclear relations and Trump’s ‘Golden Dome’ plan – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

reuters | 6 june

रूस और अमेरिका के बीच आखिरी परमाणु समझौता ‘New START’ टूटने की कगार पर है। जानिए ट्रम्प की ‘गोल्डन डोम’ योजना, यूक्रेन युद्ध और अंतरिक्ष सैन्यकरण कैसे वैश्विक स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं।

वैश्विक राजनीति में एक बार फिर एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है: क्या रूस और अमेरिका के बीच आखिरी बचा हुआ परमाणु हथियार समझौता भी खत्म होने की कगार पर है? इस प्रश्न ने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों और रणनीतिकारों के बीच हलचल मचा दी है। रूस के उप विदेश मंत्री और शीर्ष हथियार नियंत्रण वार्ताकार सर्गेई रयाबकोव ने हाल ही में एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ मौजूदा तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए ‘New START’ परमाणु संधि को बचाना अब बेहद मुश्किल होता जा रहा है।

क्या है New START संधि?

‘New START’ (New START – Strategic Arms Reduction Treaty) एक ऐतिहासिक परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है, जो 2011 में लागू हुआ था और इसे 2026 तक बढ़ा दिया गया था। यह संधि रूस और अमेरिका दोनों परमाणु महाशक्तियों के बीच एकमात्र सक्रिय परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है, जो दोनों पक्षों द्वारा तैनात रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करता है।

इस संधि के अंतर्गत दोनों देश एक-दूसरे के परमाणु ठिकानों का निरीक्षण करने और विश्वास बहाली के लिए डेटा साझा करने के लिए सहमत थे। लेकिन अब जब यह संधि अगले वर्ष 5 फरवरी 2026 को समाप्त होने वाली है, तो इसके भविष्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

रूस की नाराज़गी और ट्रम्प की “गोल्डन डोम” योजना

रूसी अधिकारी सर्गेई रयाबकोव ने TASS समाचार एजेंसी को बताया कि अमेरिका के साथ रूस के संबंध “पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं” और इस परिस्थिति में New START को फिर से सक्रिय करना या बढ़ाना लगभग असंभव प्रतीत हो रहा है।

उन्होंने खासतौर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘New START’ मिसाइल डिफेंस परियोजना को निशाने पर लिया। इस परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों का एक नेटवर्क स्थापित करना है, जो चीन और रूस से आने वाली मिसाइलों की पहचान कर उन्हें रोकने का काम करेगा। यह एक अत्यधिक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी लागत लगभग 175 बिलियन डॉलर आंकी गई है।

रयाबकोव का मानना है कि यह योजना हथियार नियंत्रण प्रयासों को और अधिक कठिन बना देगी। उनका यह भी कहना था कि ऐसी योजनाएँ सिर्फ अस्थिरता को बढ़ावा देती हैं और किसी भी तरह के रचनात्मक परमाणु नियंत्रण वार्तालाप को अप्रभावी बना देती हैं।

मास्को का जवाब: यूक्रेन और अंतरिक्ष में तनाव

इस इंटरव्यू के कुछ ही दिन पहले यूक्रेन ने रूस के गहरे इलाकों में स्थित वायुसेना ठिकानों पर ड्रोन हमले किए थे। ये वही ठिकाने हैं जहां रूस अपने भारी बमवर्षक विमान रखता है, जो उसके परमाणु निवारक बलों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस घटना ने रूस को भीतर तक हिला दिया और यह संकेत दिया कि यूक्रेन अब रूस की पारंपरिक सीमाओं के भीतर भी हमला कर सकता है। इसके बाद रूस ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब भी उसकी सेना को ज़रूरत लगेगी, वह कठोर जवाबी कार्रवाई करेगा।

दूसरी ओर, ट्रम्प की ‘गोल्डन डोम’ परियोजना को लेकर विश्लेषकों की चिंता यह है कि इससे अंतरिक्ष में सैन्यकरण (militarization of space) तेज़ हो सकता है। यदि अमेरिका अपने रक्षा कवच को अंतरिक्ष में स्थापित करता है, तो यह अन्य देशों जैसे चीन, रूस, भारत को भी मजबूर कर सकता है कि वे भी ऐसी प्रणालियाँ बनाएं या अमेरिका की सुरक्षा कवच प्रणाली को बेकार करने वाले हथियार विकसित करें।

समझौता समाप्त हुआ तो क्या होगा?

अगर New START संधि समय रहते नहीं बढ़ाई गई, तो यह पहली बार होगा कि शीत युद्ध के बाद अमेरिका और रूस के बीच कोई हथियार नियंत्रण समझौता अस्तित्व में नहीं रहेगा। इससे न केवल वैश्विक हथियारों की दौड़ को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि परमाणु युद्ध का जोखिम भी कई गुना बढ़ सकता है।

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के मुताबिक, अगर रूस इस संधि से बाहर हो जाता है, तो वह अपने परमाणु शस्त्रागार में 60% तक की वृद्धि कर सकता है। इसका मतलब है कि वह सैकड़ों नई परमाणु वारहेड्स तैनात कर सकता है यह विश्व सुरक्षा के लिए एक बेहद खतरनाक परिदृश्य हो सकता है।

रूस और अमेरिका के बीच गहराती खाई, यूक्रेन युद्ध, और ट्रम्प की ‘गोल्डन डोम’ जैसी महत्वाकांक्षी सैन्य परियोजनाएं इस बात का संकेत दे रही हैं कि आने वाला समय वैश्विक सामरिक स्थिरता के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। New START संधि जैसे समझौतों का अंत दुनिया को एक बार फिर उस दिशा में धकेल सकता है जहां हथियारों की होड़, अविश्वास और टकराव की संभावना बढ़ जाएगी।

यह समय है जब दुनिया की महाशक्तियों को कूटनीति, समझौते और पारदर्शिता के मार्ग पर लौटने की ज़रूरत है, वरना यह पूरी मानवता के लिए महँगा सौदा साबित हो सकता है।

Russia gave North Korea a ‘Pantsir’ defense system that is faster than Brahmos, America is worried

One thought on “New START Treaty in danger: Conflict between Russia-US nuclear relations and Trump’s ‘Golden Dome’ plan”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *