Piyush Goyal’s Switzerland Visit Strengthens India-Swiss Economic and Cultural Ties
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल 9 से 13 जून 2025 के बीच स्विट्ज़रलैंड और स्वीडन के आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य है भारत के व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना। अपने स्विट्ज़रलैंड दौरे के पहले चरण में, गोयल ने बर्न में भारतीय व्यापार प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
इस बातचीत में भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच व्यापारिक साझेदारी के नए रास्तों पर चर्चा हुई, खासकर हाल ही में हस्ताक्षरित भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (India-EFTA TEPA) के संदर्भ में। इस समझौते से दोनों देशों को बहुआयामी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का अवसर मिलेगा, जिससे आर्थिक जुड़ाव और परस्पर विकास को बल मिलेगा।
भारतीय निवेश माहौल पर हुई चर्चा
पियूष गोयल ने स्विट्ज़रलैंड के प्रमुख CEO और संभावित निवेशकों के साथ लंच मीटिंग की। इस दौरान भारत में निवेश के अनुकूल वातावरण और उन क्षेत्रों की चर्चा हुई जहां तेज़ी से विकास हो रहा है। निवेशकों ने नीतिगत स्थिरता, व्यापार सुगमता और स्टार्टअप संस्कृति की तारीफ की।

भारत सरकार की नीतियों की स्पष्टता और तकनीकी नवाचारों को अपनाने की तत्परता ने विदेशी निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया। इस संवाद ने संभावित निवेशकों को भारत की आर्थिक दिशा और दीर्घकालिक संभावनाओं को समझने में मदद की।
संस्कृति और व्यापार का संगम
गोयल ने स्विस संसद का दौरा किया, जहां उन्होंने स्विस फेडरल काउंसलर गाइ परमेलन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मशहूर स्विस-फ्रेंच आर्किटेक्ट Le Corbusier की बनाई दुर्लभ लिथोग्राफ पेंटिंग्स देखीं, जिन्होंने भारत के चंडीगढ़ शहर को डिज़ाइन किया था।
इस सांस्कृतिक जुड़ाव ने दोनों देशों के ऐतिहासिक और रचनात्मक संबंधों को नया आयाम दिया, जो व्यापारिक रिश्तों को भी मानवीय और सशक्त स्वरूप प्रदान करता है।
स्विस फार्मा कंपनियों से विशेष बैठकें
भारत के स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान क्षेत्र की प्रगति को देखते हुए, पियूष गोयल ने स्विट्ज़रलैंड की फार्मास्युटिकल और लाइफ साइंसेज कंपनियों के CEO से विशेष चर्चा की। इन कंपनियों ने भारत में निवेश और विस्तार की इच्छा जताई।

उन्होंने भारत के विशाल बाज़ार, नवाचार को बढ़ावा देने वाली नीतियों और प्रतिस्पर्धात्मक उत्पादन लागत की सराहना की। इससे यह स्पष्ट हुआ कि आने वाले समय में भारत इस क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बन सकता है।
वैश्विक भागीदारी को नई दिशा
पियूष गोयल का यह दौरा भारत की वैश्विक आर्थिक रणनीति और निवेश आकर्षण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। व्यापार, संस्कृति और सहयोग के त्रिकोणीय ढांचे के ज़रिए यह यात्रा भारत-स्विट्ज़रलैंड संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
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