वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तानी प्रवासियों ने सेना प्रमुख असीम मुनीर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्हें ‘तानाशाह’, ‘मास मर्डरर’ और ‘इस्लामाबाद का कसाई’ तक कहा गया। यह विरोध उनके अमेरिका दौरे को विवादों में ले आया।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के दौरान वॉशिंगटन डीसी की सड़कों पर एक अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला। अमेरिका में बसे पाकिस्तानी प्रवासियों ने उनके खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुनीर को “पाकिस्तानियों का कातिल”, “इस्लामाबाद का कसाई” और “तानाशाह” जैसे नारों के जरिए निशाना बनाया।
यह विरोध प्रदर्शन उस वक्त शुरू हुआ जब असीम मुनीर अमेरिका में सैन्य अधिकारियों के एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ ने फोर सीजन्स होटल के बाहर मुनीर के खिलाफ तख्तियां और नारेबाजी करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व अमेरिका में रह रहे कई ओवरसीज पाकिस्तानी संगठनों ने किया। ‘द अलायंस ऑर्गनाइजेशन’ की कार्यकारी निदेशक नाजिया इम्तियाज हुसैन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा,
“हम पाकिस्तान के आपराधिक तानाशाह का विरोध कर रहे हैं। फासीवाद के समर्थन में खड़े हर व्यक्ति को शर्म आनी चाहिए। आपने लोकतंत्र के साथ विश्वासघात किया है।”
विरोध में शामिल कई प्रदर्शनकारियों ने असीम मुनीर की तस्वीरों के साथ पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था:
- “Mass Murderer Asim Munir”
- “Democracy Dies When Guns Speak”
- “Asim Munir, Your Time is Over – Pakistan Will Rise”
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो
प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिन्हें PTI USA (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अमेरिका चैप्टर) ने भी साझा किया है। इन वीडियो में अमेरिकी पुलिस के सुरक्षा घेरे के बावजूद सैकड़ों लोग हाथों में पोस्टर लेकर असीम मुनीर की नीतियों की आलोचना करते दिखे।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सेना प्रमुख के हाथ मानवाधिकार उल्लंघनों और लोकतंत्र की हत्या में रंगे हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति को अमेरिकी मंच पर कैसे जगह दी जा सकती है।
मुनीर का चेहरा ढंकना बना चर्चा का विषय
कुछ वायरल तस्वीरों में असीम मुनीर को अपना चेहरा छिपाते हुए देखा गया, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का कारण बना। लोगों ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि वह अपनी ही जनता के गुस्से से डर गए हैं।
गौरतलब है कि मई 2025 में पाकिस्तानी कैबिनेट ने जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया था, जो पाकिस्तान के इतिहास में केवल दूसरे व्यक्ति हैं जिन्हें यह रैंक मिला है। इससे पहले अयूब खान को 1958 में यह पद प्राप्त हुआ था।
हालांकि, उनकी यह पदोन्नति भारत के साथ संघर्षों और ऑपरेशन ‘मरका-ए-हक’ में रणनीतिक विफलताओं के बावजूद की गई थी। इसके बाद भी सरकार ने उनके नेतृत्व को “ऐतिहासिक जीत” करार दिया, जिससे राजनीतिक हलकों और आम जनता में असंतोष बढ़ा।

अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर
अमेरिका में हुए इस विरोध प्रदर्शन ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को बड़ा झटका दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि “अमेरिकी मंच पर मुनीर की मौजूदगी, पाकिस्तान की जनता का अपमान है।” कई विश्लेषकों ने इसे इस्लामाबाद की विफलता बताया, जो अपने सैन्य नेतृत्व पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा।
अब तक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा चर्चा में बना हुआ है और पाकिस्तान की सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है।
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