Shehbaz’s New Peace Tactic: Talks via Muslim Nation! – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को नया प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि बातचीत सऊदी अरब में हो सकती है। यह जगह तटस्थ है।उन्हें उम्मीद है कि भारत इसके लिए तैयार होगा।

बातचीत की ज़िद में पाकिस्तान

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान लगातार वार्ता की मांग कर रहा है। उसे समर्थन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिला। ट्रंप ने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, भारत के कड़े रुख के बाद वह पीछे हट गए।

अब, शहबाज ने नया तरीका अपनाया है। उनका मानना है कि सऊदी अरब में चर्चा संभव है।
कश्मीर, पानी और आतंकवाद जैसे मुद्दे उठ सकते हैं।

भारत का साफ संदेश

दूसरी ओर, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है –
बात तभी होगी जब पीओके और आतंकवाद पर चर्चा होगी।

सऊदी को तटस्थ देश बताया

शहबाज ने कहा कि भारत चीन को तटस्थ नहीं मानेगा। इसलिए, उन्होंने सऊदी अरब को बेहतर विकल्प बताया।
उन्होंने चार मुद्दों की बात की – कश्मीर, पानी, व्यापार और आतंकवाद।

ट्रंप से उम्मीदें

शहबाज ने कहा कि असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने से पहले उन्होंने नवाज शरीफ से राय ली थी। साथ ही, वह ट्रंप के बयानों से काफी उत्साहित हैं।
ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को व्यापार के ज़रिए सुलझाया।

अमेरिका क्यों कूद रहा है बीच में?

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों से बड़े सौदे कर रहा है।
उन्होंने पाकिस्तान की तारीफ की, लेकिन भारत को ‘दोस्त’ बताया।

इस पर, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा – “मोदी हमारे साझा मित्र हैं।”

दरअसल, अमेरिका अपनी अंतरराष्ट्रीय साख फिर से बनाना चाहता है। इसलिए, वह बिना बुलाए मध्यस्थता की कोशिश करता है।लेकिन, पीएम मोदी ने साफ किया – भारत को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है।

पाक-अमेरिका रिश्ते और परमाणु खतरे

अमेरिका हमेशा पाकिस्तान के प्रति नरम रहा है। कई बार, पाकिस्तानी नेताओं ने कहा कि वहां आतंकवाद अमेरिकी फंडिंग से पलता है। यहां तक कि, अमेरिका भी इसका शिकार बन चुका है। अब, वह पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नज़र रख रहा है। उसे डर है कि ये हथियार भविष्य में उसके लिए खतरा बन सकते हैं।

इसके अलावा, अमेरिका की दिलचस्पी भारत से ज्यादा पाकिस्तान के सैन्य अड्डों में है।
फिर भी, चीन और मुस्लिम देशों के दबाव के कारण उसे कोई बड़ी सफलता नहीं मिली।

“शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत के लिए सऊदी अरब का प्रस्ताव दिया है। क्या भारत मानेगा? जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

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