भारत की सुरक्षा रणनीति में चीन प्राथमिक खतरा, पाकिस्तान सहायक चुनौती
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (Defense Intelligence Agency – DIA) की ‘वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट 2025’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत चीन को अपनी “मुख्य सुरक्षा चुनौती” मानता है। इसके विपरीत, पाकिस्तान को वह एक ऐसी “सहायक सुरक्षा समस्या” के रूप में देखता है जिसे रणनीतिक रूप से प्रबंधित किया जा सकता है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मई मध्य में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमापार गोलीबारी हुई थी, जो क्षेत्रीय तनाव की गंभीरता को दर्शाता है।
पाकिस्तान की दृष्टि में भारत अस्तित्व का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान भारत को एक “अस्तित्वगत खतरा” मानता है। इसीलिए, वह अपने सैन्य आधुनिकीकरण को लगातार गति दे रहा है। इसमें बैटलफील्ड न्यूक्लियर वेपन (रणनीतिक परमाणु हथियार) का विकास भी शामिल है, ताकि भारत की पारंपरिक सैन्य बढ़त को संतुलित किया जा सके।
इसके अलावा, पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार का आधुनिकीकरण कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान WMD (Weapons of Mass Destruction) से संबंधित वस्तुओं की खरीद के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और दलालों पर निर्भर है।
पहलगाम हमला और भारत का जवाबी ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का भी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। इसके पश्चात तीन दिनों तक चला सैन्य संघर्ष यह दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर अब पहले से अधिक आक्रामक और रणनीतिक हो चुका है।

हिंद महासागर में भारत की सक्रियता
भारत अब हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रभाव को विस्तार देने के लिए द्विपक्षीय रक्षा साझेदारियों को प्राथमिकता दे रहा है। इनमें निम्न शामिल हैं:
- सैन्य अभ्यास
- प्रशिक्षण कार्यक्रम
- हथियार बिक्री
- सूचना साझा करना
इस रणनीति का उद्देश्य है चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को सुदृढ़ करना।
त्रिपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों में भारत की सक्रिय भूमिका
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहयोग को बढ़ा रहा है। वह निम्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सक्रिय है:
यह भागीदारी भारत की वैश्विक रणनीति का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है।
रूस के साथ संबंधों की निरंतरता
DIA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2025 तक रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखेगा। इसकी प्रमुख वजह है भारत के आर्थिक और रक्षा हित, जिन्हें वह रूस के सहयोग से संतुलित करता है। हालांकि, रूस-चीन के बढ़ते संबंधों को भी भारत रणनीतिक रूप से देखता है।
रिपोर्ट यह भी स्पष्ट करती है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की नई खरीद में कमी की है। लेकिन मौजूदा रूसी टैंकों और लड़ाकू विमानों की मरम्मत के लिए भारत अब भी रूस पर निर्भर है।
‘मेक इन इंडिया’ के तहत सैन्य आधुनिकीकरण
भारत अब घरेलू रक्षा उत्पादन पर ज़ोर दे रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत:
- सैन्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जा रहा है
- सैन्य आधुनिकीकरण को गति मिल रही है
2024 में भारत ने अग्नि-I प्राइम MRBM का परीक्षण किया और अग्नि-V MIRV प्रणाली का विकास जारी रखा। इसके अलावा, दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी को भी कमीशन किया गया, जिससे भारत का nuclear triad और अधिक शक्तिशाली बना है।
भारत-चीन समझौता: आंशिक समाधान लेकिन आगे की राह कठिन
रिपोर्ट में अक्टूबर 2024 में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के समझौते का ज़िक्र किया गया है। हालांकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद का स्थायी समाधान नहीं है, परंतु यह 2020 की हिंसक झड़प के बाद आई तनावपूर्ण स्थिति को कुछ हद तक कम करता है।
FM Jaishankar ne Pak ko de di seedhi warning
📄 This content was originally published on oneindia on 2025-05-26. Read the original article here: https://hindi.oneindia.com/news/international/us-defense-intelligence-agency-report-makes-a-big-disclosure-about-pakistan-threat-assessment-2025-1302751.html