भारत जैसे विविध धर्मों वाले देश में धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। हाल ही में आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर परिसर में एक अप्रत्याशित घटना ने आस्था रखने वाले करोड़ों हिंदुओं को चौंका दिया। इस पवित्र स्थल पर एक मुस्लिम युवक ने नमाज अदा की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक युवक तिरुमाला के कल्याण मंडपम परिसर में इस्लामिक टोपी पहनकर चटाई बिछाकर नमाज पढ़ रहा है। यह व्यक्ति करीब 10 मिनट तक वहां नमाज अदा करता रहा। खास बात यह है कि वह पूरी तैयारी के साथ नमाज के उद्देश्य से ही मंदिर परिसर में पहुंचा था।
क्या ये आस्था से जानबूझकर खिलवाड़ है?
यह केवल एक धार्मिक गतिविधि नहीं थी, बल्कि एक पवित्र स्थल पर नियमों की जानबूझकर अनदेखी करने की कोशिश मानी जा रही है। वर्ष 1990 में आंध्र प्रदेश सरकार ने एक सरकारी आदेश के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया था कि तिरुपति मंदिर परिसर में केवल हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की जा सकती है। अन्य किसी भी धर्म के धार्मिक क्रियाकलाप पर वहां पूर्ण रूप से प्रतिबंध है।
FIR दर्ज, आरोपी की पहचान
इस घटना के बाद तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। पुलिस जांच में उसकी पहचान “शब्बीर” के रूप में हुई है। खबरों के अनुसार, पुलिस की एक टीम आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए चेन्नई रवाना हो चुकी है।
धार्मिक सौहार्द बनाम धार्मिक अनुशासन
इस मुद्दे को लेकर देश भर में बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बता रहे हैं, तो कई इसे नियमों की अवहेलना और आस्था के साथ जानबूझकर किया गया खिलवाड़ मान रहे हैं। यहां यह समझना आवश्यक है कि धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि किसी भी धार्मिक स्थल के नियमों को तोड़कर वहां मनमानी की जाए।
क्या अन्य देशों में भी ऐसा संभव है?
इस विषय पर चर्चा करते समय अंतरराष्ट्रीय नियमों पर भी एक नजर डालना उचित होगा:
- मक्का और मदीना में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है।
- सऊदी अरब में सार्वजनिक रूप से किसी अन्य धर्म की पूजा करने की अनुमति नहीं है।
- मालदीव में गैर-मुस्लिम अपनी धार्मिक मान्यताओं का सार्वजनिक पालन नहीं कर सकते।

इसके विपरीत, भारत में सभी धर्मों को समान अधिकार दिए गए हैं। हर धर्म के अनुयायियों को अपने पूजा स्थल बनाने और पूजा करने की आज़ादी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी दूसरे धर्म के पवित्र स्थल की मर्यादा को भंग किया जाए।
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📄 This content was originally published on zeenews on 2025-05-25. Read the original article here: https://zeenews.india.com/hindi/india/namaaz-in-tirupati-balaji-temple-premises-anger-in-hindu-society-tirupati-balaji-mandir-me-namaz-kisne-padhi/2770779
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