ट्रंप का वीजा बैन कोर्ट ने रोका, हार्वर्ड को राहतएपी, वॉशिंगटन – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

ट्रंप को कोर्ट ने दिया झटका! हार्वर्ड में विदेशी छात्रों की एंट्री बैन नहीं कर पाएंगे अमेरिका के राष्ट्रपति

Harvard University News: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगने से हर कोई परेशान था। छात्रों को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। हालांकि, अब इस संबंध में फैसला आ गया है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (college.harvard.edu) 

Harvard University: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को बड़ी राहत मिली है। एक फेडरल जज ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के पढ़ने पर रोक लगाई गई थी। जज के फैसले के बाद हार्वर्ड और यहां पढ़ने वाले छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है। ट्रंप ने एक निर्देश के तहत हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगाई थी, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई। अब इस पर जज ने फैसला सुनाया है, जिससे हार्वर्ड खुश है।

अदालत ने हार्वर्ड की संशोधित शिकायत के पक्ष में फैसला सुनाया। इसमें तर्क दिया गया था कि राष्ट्रपति की कार्रवाई ने पिछली निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और उचित प्रक्रिया को दरकिनार किया गया। हार्वर्ड और ट्रंप सरकार के बीच पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा है। हार्वर्ड की फंडिंग भी रोक दी गई है, जिस वजह से रिसर्च से जुड़े छात्रों को देश छोड़ना पड़ा है। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कई सारे छात्रों का वीजा भी रद्द किया गया है। मौजूदा हालात के चलते छात्र यहां एडमिशन लेने में हिचकिचा रहे हैं।

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

यूएस डिस्ट्रिक्ट जज एलिसन बरोज ने हार्वर्ड को दो पन्नों का अस्थायी निरोधक आदेश दिया। इसमें हार्वर्ड और ट्रंप सरकार के बीच बढ़ते विवाद के बीच मामले की आगे की मुकदमेबाजी पेंडिंग रहने तक राष्ट्रपति के ऐलान को लागू होने से रोका गया है। यानी अभी ट्रंप सरकार के आदेश पर रोक लगी रहेगी। जज ने अपने फैसले में कहा कि ट्रंप ने हार्वर्ड में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों पर रोक लगाई है। अदालत मामले की समीक्षा कर पाए, इससे पहले ही ट्रंप के फैसले के चलते हार्वर्ड को अपूरणीय क्षति हो सकती है।

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हार्वर्ड ने क्या कहा?

सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेंगे: हार्वर्ड हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने दावा किया कि ट्रंप सरकार का निर्देश अमेरिका के हितों की रक्षा करना नहीं है, बल्कि हार्वर्ड के खिलाफ सरकारी प्रतिशोध करना है। यूनिवर्सिटी ने तर्क दिया कि हार्वर्ड के छात्रों को टारगेट करना कानून के तहत वैध नहीं है। इसने कहा कि सरकार का फैसला हजारों छात्रों को देश में आकर शिक्षा हासिल करने और अपने सपनों को पूरा करने के अधिकार से वंचित करना है। विदेशी छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है। कुल मिलाकर हार्वर्ड ट्रंप सरकार के आदेश के खिलाफ रही।

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