West Bengal Violence & SIT Report: Questions on Politics, Religion, and Justice – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

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राजनीतिक आरोप: सुधांशु त्रिवेदी का बयान

भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता की। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि देश में इस समय एक “विशेष प्रकार की राजनीति” चल रही है। इसका मकसद देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक ढांचे को कमजोर करना है। यह बयान तब आया, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गठित SIT ने अपनी रिपोर्ट पेश की।

SIT रिपोर्ट और उसके निष्कर्ष

यह SIT तीन सदस्यों की स्वतंत्र समिति थी। इसका गठन न्यायालय के आदेश पर हुआ था। इसमें एक मानवाधिकार अधिकारी और दो पश्चिम बंगाल न्यायिक सेवा के अधिकारी शामिल थे। इस समिति ने 11 अप्रैल 2025 को मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच की। रिपोर्ट में कहा गया कि यह हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी। इसमें हिंदू समुदाय को सीधे निशाना बनाया गया।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और तीखे आरोप

डॉ. त्रिवेदी ने TMC सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट ने “हिंदू विरोधी क्रूरता” को उजागर किया है। उनका आरोप है कि TMC और INDI गठबंधन की धर्मनिरपेक्षता एक मुखौटा है। यह मुखौटा इन घटनाओं के सामने उतर चुका है।

हत्या और चुप्पी पर सवाल

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कुछ लोग पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाते हैं। लेकिन वे हरगोबिंद दास और उनके पुत्र चंदन दास की हत्या पर चुप हैं। यह दोहरा रवैया न केवल नैतिकता पर सवाल उठाता है, बल्कि देश की एकता के लिए भी खतरा है।

धार्मिक हिंसा: सामाजिक विघटन का कारण

धार्मिक आधार पर की गई हिंसा समाज को तोड़ती है। यदि SIT की रिपोर्ट सही है, तो यह कानून व्यवस्था की विफलता है। यह राजनीतिक संरक्षण का परिणाम भी हो सकता है। इस प्रकार की घटनाएं संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं। संविधान सभी धर्मों को बराबर सम्मान और सुरक्षा की गारंटी देता है।

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