3 जून 2025 को मनाया जाने वाला World Bicycle Day, साइकिलिंग के स्वास्थ्य, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभों को बढ़ावा देने का दिन है। जानिए इसका इतिहास, महत्व और इसे मनाने के बेहतरीन तरीके।
हर वर्ष 3 जून को मनाया जाने वाला विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2018 में साइकिल की अनूठी विशेषताओं और इसके पर्यावरणीय लाभों को मान्यता देने के लिए घोषित किया था। यह दिन साइकिल को एक सुलभ, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है ।
World Bicycle Day का इतिहास और महत्व
World Bicycle Day की शुरुआत पोलिश-अमेरिकी समाजशास्त्री लेज़ेक सिबिल्स्की ने की थी, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। उनकी पहल पर, 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया, acknowledging that the bicycle is a simple, affordable, reliable, clean, and environmentally fit sustainable means of transport ।
इस दिन का उद्देश्य साइकिल के माध्यम से शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण, पर्यावरणीय संरक्षण और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना है। यह दिन साइकिल को एक सुलभ और किफायती परिवहन विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है, जो विशेष रूप से विकासशील देशों में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक अवसरों तक पहुंच को बेहतर बना सकता है ।
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर साइकिल के लाभ
1. स्वास्थ्य लाभ:
नियमित साइकिलिंग से हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे जैसे रोगों का खतरा कम होता है। डॉ. राजीव रंजन प्रसाद, भारतीय चिकित्सा संघ के विशेषज्ञ, के अनुसार, 30 मिनट की दैनिक साइकिलिंग से मधुमेह का खतरा 40% तक कम हो सकता है ।
2. पर्यावरणीय लाभ:
साइकिल एक शून्य-उत्सर्जन वाहन है, जो वायु प्रदूषण को कम करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक है। यह कारों की तुलना में कम स्थान घेरती है और ट्रैफिक जाम की समस्या को भी कम करती है ।
3. आर्थिक और सामाजिक लाभ:
साइकिलें किफायती होती हैं और इनका रखरखाव भी कम खर्चीला होता है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहाँ सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं सीमित हैं। इसके अलावा, साइकिलिंग से सामाजिक समावेशन बढ़ता है और यह समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देता है ।
भारत में साइकिलिंग की स्थिति और प्रयास
भारत में साइकिलिंग का इतिहास समृद्ध रहा है, लेकिन शहरीकरण और मोटर वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण साइकिलिंग की संस्कृति में कमी आई है। हालांकि, हाल के वर्षों में कई शहरों में साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए गए हैं। उदाहरण के लिए, रांची में साइकिलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की मांग को लेकर उत्साहपूर्ण आयोजन किए गए हैं ।
इसके अतिरिक्त, बेरहामपुर विश्वविद्यालय (Berhampur University) ने ‘संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम के तहत 4 किलोमीटर की साइकिल रैली का आयोजन किया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। इस रैली का उद्देश्य साइकिलिंग को एक स्वस्थ और पर्यावरणीय रूप से अनुकूल परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देना था ।
विश्व साइकिल दिवस हमें याद दिलाता है कि साइकिल केवल एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जो स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज के लिए लाभकारी है। यदि हम इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें, तो यह न केवल हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह हमारे समुदायों और पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। आइए, इस 3 जून 2025 को हम सभी मिलकर साइकिलिंग को बढ़ावा दें और एक स्वस्थ और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं।
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