नई दिल्ली। हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है ताकि दुनिया में बढ़ती जनसंख्या और उससे जुड़ी चुनौतियों पर ध्यान दिया जा सके। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा शुरू किए गए इस दिवस का उद्देश्य परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकार जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है।
क्यों जरूरी है जनसंख्या पर नियंत्रण?
दुनिया की आबादी हर साल करीब 8.3 करोड़ लोगों से बढ़ रही है, जिससे भोजन, पानी और ऊर्जा जैसी मूलभूत जरूरतों पर भारी दबाव पड़ रहा है। अगर इस बढ़ती आबादी को नियंत्रित नहीं किया गया तो भूखमरी, जल संकट, बेरोजगारी, ग्लोबल वॉर्मिंग और संसाधनों की कमी जैसी समस्याएं और गहरी हो सकती हैं।
जनसंख्या बढ़ने के प्रमुख कारणों में जन्म दर में वृद्धि, मृत्यु दर में कमी, प्रवास में वृद्धि और संसाधनों की कमी शामिल हैं।
कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े
- वर्ष 2000 में दुनिया की औसत जीवन प्रत्याशा 67 वर्ष थी, जो 2015 में 71 वर्ष हुई और 2050 तक इसके 77 वर्ष तक पहुंचने की उम्मीद है।
- जन्म दर में गिरावट आई है, फिर भी आबादी तेजी से बढ़ रही है।
- आबादी बढ़ने के साथ, दुनिया के कई हिस्सों में मानवाधिकार हनन, बाल श्रम और मानव तस्करी जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं।
कैसे मनाएं विश्व जनसंख्या दिवस?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस दिन को सिर्फ एक कार्यक्रम तक सीमित न रखें, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर परिवार नियोजन को प्राथमिकता देना जरूरी है।
जिन देशों और क्षेत्रों में परिवार नियोजन की सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां के लोग इस सुविधा का उपयोग कर अपने भविष्य की बेहतर योजना बना सकते हैं।
इसके साथ ही, विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का एक और तरीका है इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाना। आप सोशल मीडिया या अपने ब्लॉग के माध्यम से जनसंख्या से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान के तरीकों पर जानकारी फैला सकते हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस के दौरान कई फैक्टशीट और इन्फोग्राफिक्स शेयर किए जाएंगे, इसलिए इन्हें अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर साझा करना न भूलें।
इस दिन का उपयोग खुद को जनसंख्या से संबंधित तथ्यों और आंकड़ों से अपडेट रखने के लिए भी कर सकते हैं। ऑनलाइन जनसंख्या काउंटर भी मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप वर्तमान आंकड़े देख सकते हैं। साथ ही, अलग-अलग देशों और महाद्वीपों की जनसंख्या के बारे में पढ़ना दिलचस्प हो सकता है और यह समझने में मदद करेगा कि समय के साथ वहां कैसे बदलाव आए हैं।
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इतिहास
11 जुलाई 1987 को दुनिया की आबादी 5 अरब पहुंच गई थी, जिसे “फाइव बिलियन डे” के रूप में चिन्हित किया गया था। इसके बाद से UNDP ने जनसंख्या वृद्धि के प्रभावों को लेकर वैश्विक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए, ताकि बढ़ती आबादी के कारण बढ़ रही समस्याओं पर काबू पाया जा सके।
विश्व जनसंख्या दिवस हमें यह याद दिलाता है कि यदि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को रहने योग्य बनाना है, तो हमें सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना होगा।
संसाधनों का सही उपयोग, परिवार नियोजन और जागरूकता ही तेजी से बढ़ती जनसंख्या की चुनौती का स्थायी समाधान हैं।
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