World Sickle Cell Day 2025: क्या है सिकल सेल बीमारी, जानें इसके लक्षण, बचाव और उपचार के तरीके – Top15News: Latest India & World News, Live Updates
World Sickle Cell Day 2025 के लिए जागरूकता फैलाता हुआ पोस्टर

World Sickle Cell Day 2025: सिकल सेल बीमारी क्या है?

हर साल 19 जून को World Sickle Cell Day यानी विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को सिकल सेल डिजीज के बारे में जागरूक करना और इससे प्रभावित लोगों के लिए सही जानकारी व सहायता उपलब्ध कराना है। यह एक गंभीर लेकिन अनुवांशिक ब्लड डिसऑर्डर है, जो शरीर की रेड ब्लड सेल्स (RBC) को प्रभावित करता है।

इस बीमारी में RBC का आकार गोल न रहकर हंसिए जैसा हो जाता है। इसके कारण इन कोशिकाओं की उम्र घट जाती है और वे रक्त वाहिकाओं में फंसकर ऑक्सीजन पहुंचाने की प्रक्रिया में बाधा डालती हैं।

सिकल सेल डिजीज क्यों होती है?

सिकल सेल डिजीज एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसका कारण हीमोग्लोबिन जीन में बदलाव होता है। यदि माता-पिता दोनों इस दोषपूर्ण जीन के वाहक हैं, तो बच्चे को यह बीमारी हो सकती है। यह बीमारी जन्म से ही होती है और समय के साथ इसके लक्षण अधिक स्पष्ट होते जाते हैं।

भारत में यह बीमारी खासतौर पर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक देखी जाती है। छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में इसके मामले तेजी से सामने आते हैं।

सिकल सेल रोग के प्रमुख लक्षण

इस रोग के लक्षण व्यक्ति की उम्र और स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • शरीर में बार-बार थकावट महसूस होना
  • हड्डियों और जोड़ों में असहनीय दर्द
  • हाथ-पैरों में सूजन
  • त्वचा और आंखों में पीलापन (Anemia के कारण)
  • बार-बार बुखार या इंफेक्शन होना
  • बच्चों की बढ़ोतरी धीमी होना
  • गंभीर मामलों में किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याएं

ध्यान रखें कि अगर परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो बच्चों में भी इसके लक्षण जल्दी दिख सकते हैं।

इस बीमारी की जांच कैसे होती है?

Sickle Cell डिजीज की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिसे Hemoglobin Electrophoresis Test कहते हैं। यह टेस्ट यह बताता है कि व्यक्ति में सामान्य हीमोग्लोबिन है या सिकल सेल ट्रेट/डिजीज मौजूद है।

नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग अब कई राज्यों में जन्म के तुरंत बाद की जाती है, ताकि इलाज में देरी न हो।

बचाव के तरीके: क्या संभव है सिकल सेल से बचना?

हालांकि यह बीमारी जन्मजात होती है और पूरी तरह से रोकी नहीं जा सकती, लेकिन कुछ कदम उठाकर इससे जुड़ी जटिलताओं से बचा जा सकता है:

  • शादी से पहले जेनेटिक काउंसलिंग जरूर करवाएं
  • यदि किसी एक या दोनों पार्टनर में यह जीन है, तो बच्चों में जोखिम बढ़ सकता है
  • समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं और परिवार के इतिहास पर ध्यान दें
  • बच्चों में किसी भी असामान्य लक्षण को न करें नजरअंदाज

इसके अलावा, सरकारें और स्वास्थ्य संस्थाएं अब प्री-मैरिटल स्क्रीनिंग और काउंसलिंग को प्रोत्साहित कर रही हैं।

World Sickle Cell Day 2025 के लिए जागरूकता फैलाता हुआ पोस्टर

इलाज: क्या सिकल सेल का इलाज संभव है?

फिलहाल इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है:

ब्लड ट्रांसफ्यूजन:

यह तरीका शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करता है।

हाइड्रॉक्सी यूरिया दवा:

यह दवा दर्द को कम करने और लाल रक्त कोशिकाओं की उम्र बढ़ाने में उपयोगी है।

टीकाकरण और एंटीबायोटिक्स:

ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखते हैं और संक्रमण से बचाते हैं।

Bone Marrow Transplant (BMT):

कुछ मामलों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट से मरीजों को राहत मिलती है, लेकिन यह बहुत महंगा और जोखिम भरा हो सकता है।

जीन थेरेपी:

वर्तमान में इसपर रिसर्च चल रही है और आने वाले वर्षों में यह इलाज का प्रभावी विकल्प बन सकती है।

HIGHLIGHTS

• 19 जून को World Sickle Cell Day मनाया जाता है
• यह रेड ब्लड सेल्स से जुड़ी एक जेनेटिक बीमारी है
• बीमारी में RBC का आकार हंसिए जैसा हो जाता है
• लक्षणों में थकावट, दर्द और संक्रमण शामिल हैं
• समय पर इलाज से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है

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