नई दिल्ली, 19 जून (ANI): भारत 21 जून को मनाए जाने वाले 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga 2025) के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस वर्ष की थीम “Yoga for One Earth, One Health” (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य) रखी गई है, जो भारत की G20 अध्यक्षता में प्रस्तुत “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के दृष्टिकोण के साथ तालमेल रखती है।
योग दिवस 2025 पर “योग संगम” नाम से एक भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत देशभर के 1 लाख से अधिक स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन होगा। इस दौरान कॉमन योगा प्रोटोकॉल (CYP) के तहत सभी प्रतिभागी एकसाथ योग करेंगे।
21 जून की सुबह 6:30 बजे से 7:45 बजे तक, यह भव्य आयोजन होगा, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) से करेंगे। उनके साथ केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, खिलाड़ी, छात्र, स्वयंसेवी संगठन और लाखों नागरिक इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे।
योग: भारत की प्राचीन धरोहर, आधुनिक जीवन की आवश्यकता
योग भारत की हजारों साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन का भी माध्यम है। ‘योग’ शब्द संस्कृत के “युज” धातु से निकला है, जिसका अर्थ है – जोड़ना। इसका उद्देश्य मन और शरीर, विचार और क्रिया, मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करना है।
आज के तेजी से बदलते जीवन में जहां तनाव, बीमारियां और मानसिक अस्थिरता बढ़ रही है, वहीं योग एक ऐसी पद्धति है, जो न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी स्थिर और शांत बनाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में प्रस्तुत किया था। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया। इस प्रस्ताव को 175 देशों का समर्थन मिला था, जो यूएन इतिहास में किसी भी प्रस्ताव के लिए एक रिकॉर्ड था।

PM Modi performing yoga in Visakhapatnam during Yoga Day 2025
21 जून को चुने जाने का कारण यह था कि यह Northern Hemisphere में साल का सबसे लंबा दिन (Summer Solstice) होता है, जो प्राकृतिक ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
विश्व में योग दिवस का बढ़ता प्रभाव
भारत के प्रयासों से योग आज एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। AYUSH मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार –
- 2018 में: 9.59 करोड़ लोग शामिल हुए।
- 2024 में: 24.53 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया।
हर साल यह संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि योग अब केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर में स्वास्थ्य और शांति का संदेश बन चुका है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रतीक चिन्ह (Logo) का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लोगो (symbol) में कई गहरे संदेश छुपे हैं:
- दोनों हाथों की मिलन मुद्रा: योग के मूल अर्थ ‘जोड़ने’ का प्रतीक
- भूरे पत्ते: पृथ्वी तत्व
- हरे पत्ते: प्रकृति और पर्यावरण
- नीला रंग: जल तत्व
- चमक: अग्नि तत्व
- सूर्य: ऊर्जा का स्रोत
यह पूरा प्रतीक चिन्ह मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन, शांति, और सामूहिक चेतना का संदेश देता है।
PM योग अवॉर्ड्स 2025: विशेष सम्मान
इस वर्ष भी योग के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रधानमंत्री योग पुरस्कार (PM Yoga Awards) से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर योग के प्रचार-प्रसार के लिए दिया जाता है।
थीम 2025: “Yoga for One Earth, One Health”
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य से आगे बढ़कर वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संतुलन को प्रमुखता देना है। यह संदेश देता है कि:
- स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक जिम्मेदारी है।
- योग प्रकृति और मानव के बीच संतुलन स्थापित करता है।
- सतत विकास (Sustainable Development) के लिए योग को अपनाना आवश्यक है।
योग दिवस 2025 के अन्य मुख्य आकर्षण
- विशेष डिजिटल प्रसारण: दूरदर्शन और अन्य चैनलों पर सीधा प्रसारण।
- स्कूल-कॉलेजों में विशेष आयोजन: CYP प्रदर्शन, भाषण प्रतियोगिताएं, निबंध लेखन।
- वैश्विक स्तर पर आयोजन: अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया सहित 150+ देशों में विशेष आयोजन।
- ई-योग पोर्टल: नागरिकों के लिए ऑनलाइन योग अभ्यास सत्र।
- विशेष सोशल मीडिया अभियान: #YogaForOneEarthOneHealth, #YogaDay2025 ट्रेंड करेगा।
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