अमेरिका को क्यों आंखें दिखा रहा है चीन? – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

अमेरिका और चीन के बीज हाल में जेनेवा में एक ट्रेड डील हुई थी। लेकिन दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी बनी हुई है। चीन ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका इस डील को गंभीरता से नहीं ले रहा है और इसमें बनी सहमति पर नहीं चल रहा है।

नई दिल्ली: दुनिया की दो सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। दोनों देशों के बीच हाल में एक ट्रेड डील हुई थी। इसके तहत दोनों ने एकदूसरे पर हाल में लगाए गए टैरिफ में भारी कटौती की थी। लेकिन कुछ ही दिनों में अमेरिका और चीन के बीच फिर तनातनी बढ़ने लगी है। चीन का कहना है कि अमेरिका इस डील को लेकर गंभीर नहीं है और इसका उल्लंघन कर रहा है। चीन ने अमेरिका चिप एक्सपोर्ट कंट्रोल को एडजस्ट कर रहा है। उसके अपनी गलतियों को दुरुस्त करना चाहिए। साथ ही उसने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने मनमानी की तो वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा।

टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच कई दिनों तक तनातनी चली थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगा दिया था। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका के सामान पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया था। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल में जेनेवा में एक डील हुई थी। इसके तहत दोनों ने एकदूसरे पर टैरिफ में कटौती की है। यह व्यवस्था फिलहाल 90 दिनों के लिए है। लेकिन दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी लगातार बनी हुई है और इसे देखते हुए इस डील के ज्यादा दिन तक टिकने की उम्मीद नहीं है।

रेयर अर्थ की वैल्यू

मसलन चीन रेयर अर्थ के निर्यात पर नियंत्रण बनाए हुए है। यह अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाली बातचीत में चीन के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है। पिछले हफ्ते जेनेवा में हुई ट्रेड डील के तहत चीन ने अमेरिका पर लगाए गए गैर-टैरिफ उपायों को हटाने का वादा किया था। अब कंपनियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि यह वादा रेयर अर्थ खनिजों पर भी लागू होता है या नहीं। चीन ने 4 अप्रैल को इन खनिजों पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाया था। रेयर अर्थ तत्वों से बने चुंबक बहुत जरूरी हैं। इनका इस्तेमाल आईफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, F-35 जैसे लड़ाकू विमान और मिसाइल सिस्टम में होता है। इनकी आपूर्ति पर चीन का पूरी तरह से नियंत्रण है।

रेयर अर्थ की वैल्यू

मसलन चीन रेयर अर्थ के निर्यात पर नियंत्रण बनाए हुए है। यह अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाली बातचीत में चीन के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है। पिछले हफ्ते जेनेवा में हुई ट्रेड डील के तहत चीन ने अमेरिका पर लगाए गए गैर-टैरिफ उपायों को हटाने का वादा किया था। अब कंपनियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि यह वादा रेयर अर्थ खनिजों पर भी लागू होता है या नहीं। चीन ने 4 अप्रैल को इन खनिजों पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाया था। रेयर अर्थ तत्वों से बने चुंबक बहुत जरूरी हैं। इनका इस्तेमाल आईफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, F-35 जैसे लड़ाकू विमान और मिसाइल सिस्टम में होता है। इनकी आपूर्ति पर चीन का पूरी तरह से नियंत्रण है।

चीन की चाल

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) में क्रिटिकल मिनरल्स सिक्योरिटी प्रोग्राम की डायरेक्टर ग्रेसलिन भास्करन ने कहा कि चीन की निर्यात लाइसेंसिंग व्यवस्था लंबे समय तक रह सकती है। इससे बीजिंग को अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाली व्यापार वार्ता में फायदा मिलेगा। इससे चीन को यह तय करने की पावर मिलती है कि कौन सी कंपनियां या देश उसके रेयल अर्थ खनिजों और चुंबकों तक पहुंच सकते हैं।

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का पाक से कनेक्शन

📄 This content was originally published on NavBharat News on 2025-05-20. Read the original article here: https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/china-asks-us-to-correct-wrongdoings-just-days-after-trade-deal-was-reached/articleshow/121282961.cms

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