नई दिल्ली, 18 जून 2025: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पुष्टि की कि Axiom मिशन-4, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे, अब 22 जून 2025 को प्रक्षिप्त किया गया है। यह निर्णय Axiom Space द्वारा मिशन के प्रमुख तत्वों की समीक्षा के बाद लिया गया है।
Axiom मिशन-4 का महत्व
Axiom मिशन-4, जिसे Ax-4 भी कहा जाता है, एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है जो NASA, Axiom Space और SpaceX के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:
- कमान्डर: पैगी व्हिटसन (पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री)
- पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (भारतीय वायु सेना और ISRO के अंतरिक्ष यात्री)
- मिशन विशेषज्ञ: Slawosz Uznański-Wiśniewski (ESA, पोलैंड)
- मिशन विशेषज्ञ: Tibor Kapu (हंगरी)
यह मिशन ISS पर 14 से 21 दिनों तक रहेगा, जिसमें वैज्ञानिक प्रयोग, मानविकी और वाणिज्यिक गतिविधियाँ शामिल होंगी।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का योगदान
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद ISS पर उड़ान भरने वाले दूसरे भारतीय होंगे, इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यूरोपीय अंतरिक्ष केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया है और Gaganyaan मिशन के लिए भी चयनित हैं। मिशन के दौरान, वे भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित सात वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करेंगे, जिनमें माइक्रोग्रैविटी में फसल वृद्धि, बायोटेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य विज्ञान और जीवन समर्थन प्रणालियाँ शामिल हैं।
प्रक्षेपण में देरी के कारण
मूल रूप से 19 जून 2025 के लिए निर्धारित, Ax-4 मिशन को तकनीकी कारणों और ISS के Zvezda मॉड्यूल में वायु रिसाव के कारण स्थगित किया गया था। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos ने इस रिसाव को सील कर दिया है और दबाव स्थिर कर लिया है, जिससे प्रक्षेपण की नई तिथि 22 जून निर्धारित की गई है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भविष्य की दिशा
Ax-4 मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ISS पर पहला मानवयुक्त मिशन है, जो इन देशों के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह मिशन NASA के दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसमें निजी अंतरिक्ष स्टेशन के लिए मार्ग प्रशस्त करना शामिल है।
प्रक्षेपण विवरण
Axiom मिशन-4 का प्रक्षेपण 22 जून 2025 को निर्धारित किया गया है, जो भारतीय समयानुसार दोपहर 1:12 बजे (13:12 IST) और यूटीसी समय अनुसार सुबह 7:42 बजे (07:42 UTC) होगा। यह ऐतिहासिक मिशन अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित NASA के केनेडी स्पेस सेंटर से किया जाएगा, जो विश्व के प्रमुख प्रक्षेपण केंद्रों में से एक है। मिशन के लिए SpaceX का अत्याधुनिक Falcon 9 Block 5 रॉकेट उपयोग किया जाएगा, जो कई बार दोबारा उपयोग किए जा सकने वाला रॉकेट है। अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचाने के लिए SpaceX Crew Dragon (C213) स्पेसक्राफ्ट का चयन किया गया है, जिसे मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। यह पूरा मिशन न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत है, बल्कि यह भारत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिहाज से भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

यह मिशन भारत के Gaganyaan कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की ओर मार्ग प्रशस्त करेगा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की भागीदारी न केवल भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मानवता की सेवा में भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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