Drone Warfare in Ukraine: 5 Important Takeaways and Warnings for India – Top15News: Latest India & World News, Live Updates

यूक्रेन की तरफ से ये हमले ऐसे वक्त में किए गए हैं, जब वह रूस के साथ जंग के चौथे साल में है. यह वॉर के हाई पॉइंट्स में से एक है. 2 जून को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के दूसरे दौर से ठीक पहले इन्हें अंजाम दिया गया है. 16 मई को पहले दौर में दोनों पक्षों के बीच कैदियों की सबसे बड़ी अदला-बदली हुई थी.

Ukraine की स्पेशल फोर्स और एयरस्ट्राइक

यूक्रेन की स्पेशल फोर्स ने रूस पर ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक की हैं. उन्होंने रूस के हवाई ठिकानों को निशाना बनाया. जमीन पर मौजूद 41 रूसी बमवर्षक विमानों को तबाह कर दिया गया है. अनुमान के मुताबिक रूस के 30 फीसदी से ज्यादा बमवर्षक बेड़े, जिनमें टीयू-95, टीयू-22 और ए-50 रडार विमान शामिल हैं, यूक्रेन के ड्रोन अटैक से नुकसान हुआ है.

ड्रोन से हमले और रूस का नुकसान

यूक्रेन ने 100 से ज्यादा ड्रोन शिपिंग कंटेनर्स से उड़ाए थे. ये ड्रोन रूसी एयरबेस के पास से गुज़रते हुए हमलों को अंजाम देते रहे. रूस ने इन बॉम्बर्स का इस्तेमाल युद्ध के दौरान यूक्रेनी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया था. रूसी मीडिया ने इन हमलों को ‘पर्ल हार्बर’ बताया है. 1941 में शाही जापानी नेवी ने अमेरिकी बेड़े पर हमला किया था, जिसने अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध में ला खड़ा किया था.

यूक्रेन के हमले का महत्व और समय

यूक्रेन ने ये हमले चौथे साल की जंग में किए हैं. ये हमले वॉर के हाई पॉइंट्स में से एक हैं. 2 जून को इस्तांबुल में शांति वार्ता के दूसरे दौर से ठीक पहले हमलों को अंजाम दिया गया. पहले दौर में 16 मई को कैदियों की सबसे बड़ी अदला-बदली हुई थी.

Operation Spider’s Web: Ukraine’s Largest Drone Attack on Russia

अब तक का सबसे बड़ा हमल

यूक्रेन ने दुनिया के सबसे बड़े हमलों में से एक को अंजाम दिया है. ओलेन्या, मरमंस्क, इरकुत्स्क और साइबेरिया के दो हवाई ठिकानों पर हमला किया गया. ये हमले करीब 6000 किलोमीटर दूर और तीन टाइम ज़ोन में किए गए. ये हमले एडमिरल विलियम मैकरेवन के स्पेशल ऑपरेशन सिद्धांत पर आधारित थे. इसमें आसान प्लानिंग और बार-बार अभ्यास शामिल था. इसे सावधानी से छिपाया गया और स्पीड से अंजाम दिया गया. नागरिक रसद को हथियार बनाया गया और बिना किसी के पकड़ में आए रिमोट तरीके से हमले किए गए.

रूस के S-400 सिस्टम की विफलता

भारत ने पाकिस्तान के हमले S-400 सिस्टम से नाकाम किए थे. लेकिन रूस उस ही सिस्टम से यूक्रेनी ड्रोन अटैक नहीं रोक पाया.

विश्व के बड़े स्पेशल ऑपरेशन

इजरायल ने दो बड़े विशेष मिशन किए हैं. पहला, जुलाई 1976 में युगांडा के एंटेबे एयरपोर्ट पर बंधकों को छुड़ाना था. इसमें 100 से ज़्यादा इजराइली सैनिकों ने 106 यात्रियों को बचाया. वे दुश्मन इलाके में 3000 किलोमीटर से ज़्यादा की उड़ान भरकर आतंकवादियों को मार गिराए. साथ ही युगांडा की वायुसेना के एक-चौथाई हिस्से को तबाह कर दिया. दूसरा मिशन 2023 में हुआ था, जब मोसाद ने लेबनान में 1000 से ज़्यादा हिज़्बुल्लाह गुर्गों को मारने के लिए पेजर बम का इस्तेमाल किया.

भारत का सबसे बड़ा स्पेशल फोर्स मिशन ऑपरेशन जैकपॉट था. इसे इंडियन नेवी ने प्लान किया था. मुक्ति वाहिनी के नौसेना कमांडोज ने 15 अगस्त, 1971 की रात इसे अंजाम दिया. पूर्वी पाकिस्तान में चार पाकिस्तानी बंदरगाहों पर एक साथ हमला हुआ. 22 व्यापारी जहाज डूब गए. ये हमले 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चार बंदरगाहों — चटगांव, चलना-मोंगला, नारायणगंज और चांदपुर — पर किए गए थे.

नाटो और रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रॉक्सी प्रभाव

रूस-यूक्रेन युद्ध मास्को और नाटो के बीच एक प्रॉक्सी वॉर है. यूक्रेनी सैनिक पश्चिमी देशों द्वारा सप्लाई किए हथियारों और कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. यह रूस के लिए नाज़ुक मुद्दा रहा है. इसके कारण यूरोप में नाटो के ठिकानों और गोला-बारूद के भंडार पर हमला करने की धमकी दी गई है.

यूक्रेन के ड्रोन अटैक का जवाब और रूस की धमकियां

ऑपरेशन स्पाइडर वेब में यूक्रेन ने कहा कि ये हमले पश्चिम के बिना अपने दम पर किए गए हैं. राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इसे एक्स पर कहा. उन्होंने बताया कि नतीजे सिर्फ यूक्रेन को मिले हैं. इसका मकसद पश्चिम के प्रभाव को कम करना था. हमले में केवल यूक्रेनी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ. यूक्रेनी सरकार ने तुरंत जिम्मेदारी ली. लंबी दूरी की टॉरस मिसाइलों जैसे पश्चिमी हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया. यूक्रेन ने सैटेलाइट इमेजरी की मदद से खुले में खड़े बमवर्षकों को निशाना बनाया.

रूस द्वारा न्यूक्लियर हमले की संभावना

रूस ने संघर्ष के दौरान परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी दी है. 1 जून का हमला रूस के रणनीतिक बमवर्षक बेड़े पर हुआ. इसका मतलब है कि रूस के पास परमाणु हथियार लॉन्च करने के लिए कम विमान बचे हैं. रूसी अधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. हमले के बाद रूस ने यूक्रेन पर 400 से ज्यादा ड्रोन दागे. रूस ओपरेशनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें फायर कर सकता है, जिन्हें रोका नहीं जा सकता.

ड्रोन युद्ध का नया युग

2022 से पहले आर्मेनिया-अज़रबैजान संघर्ष में ड्रोन युद्ध के संकेत मिले थे. सऊदी तेल रिफाइनरियों पर हूती हमले ने भी ड्रोन की ताकत दिखाई. रूस-यूक्रेन युद्ध ने ड्रोन युद्ध का नया युग शुरू किया है. ड्रोन ने मैन्ड फाइटर एयरक्राफ्ट से लेकर छोटे हथियार तक की जगह ले ली है. रूस और यूक्रेन दोनों के पास बड़ी संख्या में FPV ड्रोन हैं. ये ड्रोन जैम नहीं किए जा सकते. इससे प्रथम विश्व युद्ध जैसा माहौल बन गया है, जहां खुली आवाजाही बेहद खतरनाक हो गई है.

भारत के लिए सबक

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमला किया. पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को तबाह किया. पर्ल हार्बर जैसे हमले भारतीय ठिकानों के लिए चेतावनी हैं. 2021 में जम्मू में भारतीय एयरबेस पर पाकिस्तानी आतंकियों ने ड्रोन हमले किए. दो क्वाडकॉप्टर साइज के ड्रोन विस्फोटक गिराकर भाग गए. ये विस्फोट बिना किसी हताहत के हुए. हमलावर खुले में खड़े हेलीकॉप्टरों को निशाना नहीं बना पाए. यह वॉर्निंग शॉट था.

पाकिस्तान और भारत की सुरक्षा चुनौतियां

हमलों में इस्तेमाल हुए IED की जांच में पाकिस्तान का रोल मिला. भविष्य में पाकिस्तान भारतीय एयरबेस और अन्य ठिकानों पर बड़े हमले कर सकता है. जमीन पर खड़े विमान और हेलीकॉप्टर असुरक्षित हैं. कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी से विमानों, युद्धपोतों और पनडुब्बियों की लोकेशन पता लगाना आसान हो गया है. सभी सैन्य विमानों को ब्लास्ट प्रूफ संरचना से तुरंत ढकना चाहिए. सभी हवाई अड्डों को स्वदेशी काउंटर-UAS सिस्टम से सुरक्षित करना जरूरी है.

Telangana Formation Day 2025 – इतिहास, उत्सव और राजधानी हैदराबाद का गौरव

One thought on “Drone Warfare in Ukraine: 5 Important Takeaways and Warnings for India”

Leave a Reply to Russian missile और drone हमलों से दहला यूक्रेन: राजधानी कीव में 4 की मौत – Top15News: Latest India & World News, Live Updates Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *