वाशिंगटन/नई दिल्ली: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि हमास के साथ बंधक रिहाई का समझौता कुछ ही दिनों में हो सकता है, जिससे गाजा में 60 दिन का युद्धविराम संभव हो सकता है। इस दौरान इजरायल और हमास संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत कर सकेंगे।
द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, नेतन्याहू ने कहा, “हमें लगता है कि हम इसे पूरा कर सकते हैं। हम इन राक्षसों को हराएंगे और अपने बंधकों को वापस लाएंगे।” नेतन्याहू ने यह बयान अमेरिका में चार दिवसीय यात्रा के दौरान दिया, जहाँ उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से दो बार मुलाकात की।
क्या है प्रस्तावित समझौता?
- 60 दिनों का युद्धविराम: पहला जत्था रिहा करने के बाद इन 60 दिनों में संघर्ष समाप्ति के लिए बातचीत होगी।
- बंधक रिहाई: 10 जीवित और 18 मृत बंधकों की रिहाई प्रस्तावित है।
- यदि इस अवधि में हमास शर्तें मान लेता है, तो युद्ध समाप्त हो सकता है। अन्यथा इजरायल फिर से सैन्य कार्रवाई करेगा।
नेतन्याहू के शर्तें साफ
नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि युद्धविराम इजरायल की शर्तों पर ही संभव होगा, जिनमें: हमास का पूर्ण विसैन्यीकरण, हथियार डालना, सरकारी और सैन्य क्षमता समाप्त करना शामिल हैं।
उन्होंने चेतावनी दी, “यदि वार्ता के माध्यम से लक्ष्य पूरे नहीं होते, तो हम अपनी वीर सेना की मदद से बल का प्रयोग करेंगे।”
हमास ने कहा है कि वह किसी भी युद्धविराम समझौते का विरोध करेगा जिसमें गाजा में बड़ी संख्या में इजरायली सैन्य उपस्थिति बनी रहे। उसने सैनिकों की वापसी और गाजा में मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति की “गारंटी” की मांग की है।
बंधकों के परिजनों से मुलाकात:
नेतन्याहू ने बंधक परिवारों को बताया कि हमास तय करेगा कि 60 दिन के युद्धविराम के दौरान किन बंधकों को रिहा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सभी को एकसाथ बचाना चाहते हैं, लेकिन हम एक क्रूर आतंकवादी संगठन से निपट रहे हैं, इसलिए प्रक्रिया हमारी शर्तों पर नहीं होती।”

सूत्रों ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने मध्यस्थों को आश्वासन दिया है कि 60 दिनों के युद्धविराम के बाद इजरायल को गाजा में फिर से लड़ाई शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह वार्ता का एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।
नेतन्याहू ने आलोचनाओं का जवाब दिया:
युद्ध की अवधि को लेकर आलोचनाओं पर नेतन्याहू ने कहा, “यह एक ऐसा युद्ध क्षेत्र है जिसका सामना किसी भी सेना ने नहीं किया है। हमारी सेना ने हमास की अधिकांश सैन्य क्षमताओं को नष्ट कर दिया है, लेकिन अभी भी कई लड़ाके हथियारों के साथ मौजूद हैं।”
उन्होंने कहा, “हम कूटनीति और सैन्य बल के संयोजन से अपने मिशन को पूरा करना चाहते हैं। यदि कूटनीति विफल होती है, तो सैन्य कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।”
यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद इजरायल और हमास के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। इसके बाद नवंबर 2023 और जनवरी 2025 में युद्धविराम हुए थे, लेकिन संघर्ष फिर भड़क गया। अब यह संभावित समझौता गाजा में 21 महीने से जारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
नेतन्याहू ने कहा, “हम झुकेंगे नहीं। हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। हम जीतेंगे।”
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