नई दिल्ली: भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन और डिज़ाइन को लेकर चल रहे व्यापक प्रयासों के बीच, ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ का चौथा संस्करण 2-4 सितंबर 2025 तक यशोभूमि (इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर – IICC), नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। यह आयोजन भारत के तेजी से विकसित होते माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का मंच बनेगा।
सेमीकॉन इंडिया 2025: अगले सेमीकंडक्टर पावरहाउस का निर्माण थीम पर आधारित इस आयोजन में पहली बार चार वैश्विक मंडप – जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और मलेशिया के शामिल होंगे, जो भारत के साथ सेमीकंडक्टर सहयोग को नई ऊंचाई देंगे।
इस वर्ष 18 देशों और क्षेत्रों की 300 से अधिक कंपनियां इसमें भाग लेंगी, जो सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगी। सामग्री, उपकरण, सिलिकॉन वेफर, चिप डिजाइन, और सिस्टम निर्माण के क्षेत्रों में वैश्विक और घरेलू कंपनियों की भागीदारी से यह आयोजन निवेशकों, पॉलिसी मेकर्स और उद्योग जगत के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
पहली बार आठ देशों का गोलमेज सम्मेलन
पहली बार आठ देशों का गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित होगा, जिसमें भारत और साझेदार देशों की कंपनियां आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक साथ विचार-विमर्श करेंगी। कौशल विकास और भविष्य की तैयारियों के तहत, छात्रों और इंजीनियरों के लिए प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन और कैरियर परामर्श सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, इस वर्ष नौ राज्य सरकारों के मंडप भाग लेंगे, जो राज्य स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की क्षमताओं और अवसरों को प्रदर्शित करेंगे। साथ ही, इस बार सेमीकंडक्टर डिज़ाइन स्टार्टअप मंडप स्थापित किया जाएगा, जो नवाचार और स्टार्टअप्स को वैश्विक बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सरकार का उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण और डिज़ाइन का वैश्विक केंद्र बनाना है। इसके तहत केंद्र सरकार पहले ही ₹76,000 करोड़ के परिव्यय के साथ सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दे चुकी है, ताकि देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिल सके।
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के जेवर में छठी सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई को मंजूरी दी है, जिसे एचसीएल और ताइवान की फॉक्सकॉन द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया जाएगा। इस इकाई से 2,000 से अधिक रोजगार सृजित होने और 36 मिलियन चिप्स मासिक उत्पादन क्षमता विकसित होने की संभावना है।
इस बीच, केंद्र सरकार ने जून में एसईजेड नियमों में व्यापक सुधार किए हैं ताकि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया जा सके और उत्पादन में तेजी लाई जा सके। इन प्रयासों से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात और रोजगार सृजन में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ में तीन दिवसीय सम्मेलन भी होगा, जिसमें वैश्विक सीएक्सओ, नीति निर्माता और विशेषज्ञ वक्ता तकनीकी प्रगति, विनिर्माण, आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों और भविष्य की प्रौद्योगिकी रुझानों पर चर्चा करेंगे।
विशेष रूप से, बी2बी फोरम, संरचित प्रशिक्षण सत्र, कार्यबल विकास मंडप और स्टार्टअप एक्सपो जैसे पहलुओं से सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को गति देने में मदद मिलेगी।
भारत का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और वैश्विक सप्लाई चेन में एक विश्वसनीय साझेदार बनना है। यह आयोजन इस दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा, जिससे वैश्विक निवेश, उन्नत प्रौद्योगिकी और प्रतिभा विकास को मजबूती मिलेगी।

